क्या आज के दूध को भी देना होगा आयोडीन टेस्ट – जानिए चौकाने वाला सच डॉ सुमित्रा अग्रवाल से
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कोलकाता। भारत दुनिया में दूध का सबसे बड़ा उत्पादक है तो सही परन्तु क्या दूध वास्तव में सुरक्षित है? इसमें “हानिकारक मिलावट” शामिल है, उनमें से सबसे आम स्टार्च, क्लोरीन, हाइड्रेटेड चूना, सोडियम कार्बोनेट, फॉर्मेलिन और अमोनियम सल्फेट हैं।
मनुष्य की लालच और लोभ ने दुग्ध उत्पादकों को इन पदार्थों का उपयोग दूध के अंशों को कम करने और यूरिया, कास्टिक सोडा, रिफाइंड तेल और सामान्य डिटर्जेंट को मिलाकर “सिंथेटिक दूध” तैयार करने के लिए देश और दुनिया में मशहूर कर दिया है।
बच्चो को स्कूल में परीक्षा का सामना करना पड़ता है, बड़ो को जोब पाने के लिए, इतिहास में राजाओ को यहाँ तक की भगवान जब जब धरती पर आये उनको भी अनेको परीक्षाएं देनी पडी। अब दूध की बारी है।
कैसे जाने आपके दूध में मिलावट है की नहीं ?
पहले तो लोग दूध वाले के पास जा कर खड़े रहते थे ये देखने के लिए की कही उसने पानी तो नहीं मिला दिया है दूध में। परन्तु आज हम समय के साथ पैकेज्ड दूध के आदि हो गए है। हज़ारो करोड़ो का दूध का बिज़नेस है। किसी भी बड़े कंपनी के नाम पर न जाये खुद परीक्षा करे और जाने आपका दूध विषाक्त है या नहीं।
आज की स्थिति में पानी की मिलावट को नजरअंदाज करते है।
आंकड़ों की माने तो बड़े बड़े नाम चीन कम्पनिया भी दूध में डिटर्जेंट मिला रही है। परीक्षा डिटर्जेंट से ही सुरू करे।
दूध में डिटर्जेंट की उपस्थिति का पता कैसे लगाएं ?
दूध में डिटर्जेंट की उपस्थिति की जांच करने का एक तरीका इस प्रकार है: बराबर मात्रा में दूध और पानी लें।
दोनों तरल पदार्थों को एक कांच के जार में मिलाएं और मिश्रण को कम से कम ३० -४० सेकंड के लिए अच्छी तरह हिलाएं।
यदि आप गाढ़ा झाग देखते है तो दूध मिलावटी हैं।
दूध शुद्ध होता तो एक पतली झाग की परत बन जाती।
क्यों मिलाते है लोग डिटर्जेंट ?
दूध को फटने से बचाने और उसकी शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए आमतौर पर दूध में डिटर्जेंट का इस्तेमाल किया जाता है। दूध में डिटर्जेंट के इस्तेमाल से कई तरह के संक्रमण और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल जटिलताएं होती हैं। इसलिए यह जांचना बहुत जरूरी है कि आपके दूध में डिटर्जेंट की मिलावट है या नहीं।
पानी तो लोग मिलाते ही है और हम लोग जो समझदार है , दूध वाले से लड़ भी लेते है की दूध इतना पतला है। तो दूध वालो ने और कंपनी वालो ने भी एक सरल उपाय इजात किया है। पानी तो मिलाओ पर साथ में कुछ ऐसा मिलाओ की दूध मोटा का मोटा रही, पतला न हो। है न सोने पे सुहागा। ये चमत्कार करने के लिए स्टार्च का इस्तेमाल किया जाता है।
दूध में स्टार्च की उपस्थिति का पता कैसे लगाएं?
स्कूल में सब ने पढ़ा है स्टार्च कैसे टेस्ट करे। आज वही टेस्ट दोहराएंगे। दूध में स्टार्च का पता लगाना बहुत ही आसान है।
फार्मेसी की दुकानों में आयोडीन का घोल आसानी से उपलब्ध है और इसकी कीमत ज्यादा नहीं है।
एक कांच के गिलास में दूध लें। इस पर २ -३ बूंद आयोडीन के घोल को डालें। अगर दूध नीला हो जाए तो उसमें स्टार्च है, नहीं तो नहीं।
दूध की जांच खुद करे और अपने स्वास्थ की रक्षा खुद करे।