अधिकमास में किन मंत्रो को साधे जानते है वास्तु शास्त्री डॉ सुमित्रा से
कोलकाता। अधिकमास का प्रारंभ १८ जुलाई से हो चुका है। इस बार अधिक मास सावन माह के साथ जुड़ा हुआ है, इसलिए इस बार सावन २ महीने का है। सावन में अधिक मास के जुड़ने से श्रावण माह ५९ दिनों का हो गया है। अधिक मास को मलमास या पुरुषोत्तम मास भी कहते हैं। इस बार १८ जुलाई से १६ अगस्त तक अधिकमास रहेगा। इस माह में विष्णु जी के चमत्कारी मंत्रों का जाप करने से धन, सुख, संपन्नता, आरोग्य और लंबी आयु की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं इन मंत्रों के बारे में।
करें इन मंत्रों का जाप
ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान।
यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्टंह च लभ्यते।।
यदि आपका धन काफी समय से रुका हुआ है और वापस नहीं मिल रहा है तो विष्णु जी के इस मंत्र का जाप करें। इस मंत्र के जाप से आर्थिक मजबूती मिलती है।
ऊं आं संकर्षणाय नम: –
कार्य बनते बनते बिगड़ रहे हैं तो अधिकमास में 108 बार इस मंत्र का जाप करें. अधिकमास में इस मंत्र का जाप करने से अधूरे कार्य पूरे हो जाते हैं।
ऊं अं वासुदेवाय नम: –
अधिकमास में इस मंत्र का जाप करने से विष्णु पुराण, भागवत पुराण का श्रवण करने जितना फल मिलता है।
ऊं हूं विष्णवे नम:
कड़ी मेहनत के बाद भी आपको फल नहीं मिल रहा है तो उपरोक्त मंत्र का जाप करें , सभी कार्य में सफलता मिलेगी।
ऊं अ: अनुरुद्धाय नम:
अगर आपके विवाह में देरी हो रही है तो उपरोक्त मंत्र का जाप करने से विवाह के योग बनेंगे।
अधिक मास क्या है?
सौर कैलेंडर में ३६५ दिन और ६ घंटे का एक साल होता है, जिसमें हर ४ साल पर एक लीप ईयर होता है। उस लीप ईयर का फरवरी २८ की बजाए २९ दिनों का होता है। उसी तरह चंद्र कैलेंडर में एक साल ३५४ दिनों का होता है। अब सौर कैलेंडर और चंद्र कैलेंडर के एक वर्ष में ११ दिनों का अंतर होता है। इस अंतर को खत्म करने के लिए हर तीन साल पर चंद्र कैलेंडर में एक अतिरिक्त माह जुड़ जाता है। वह माह ही अधिक मास होता है। इस तरह से चंद्र कैलेंडर और सौर कैलेंडर के बीच संतुलन बना रहता है। इस वजह से हर ३ साल में एक अधिक मास होता है।