डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी का वार्ड नंबर 24 भाग 1- 2 वार्ड वासियों ने पुण्यतिथि भावभीनी श्रद्धांजलि बलीदान दिवस मनाया।
सारणी :-6 जुलाई 1901 को कोलकाता के अत्यंत प्रतिष्ठित परिवार में डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म हुआ। और निधन 23 जून 1953 में हुआ। इनके पिता सर आशुतोष मुखर्जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे एवं शिक्षाविद के रूप में विख्यात थे।
डॉक्टर मुखर्जी ने 1917 में मैट्रिक किया था 1921 में बी.ए की उपाधि प्राप्त की। 1923 में लॉ की उपाधि अर्जित करने के पश्चात वे विदेश चले गए और 1926 में इंग्लैंड से बैरिस्टर बनकर स्वदेश लौटे। 33 वर्ष की अल्पायु में वे कोलकाता विश्वविद्यालय के कुलपति बने। इस पद पर नियुक्ति पाने वाले वह सबसे कम आयु के कुलपति थे एक विचारक तथा प्रखर शिक्षाविद के रूप में उनकी उपलब्धि तथा ख्याति निरंतर आगे बढ़ती गई।
1929 में राजनीति की शुरुआत की, बंगाल के विधान परिषद में चुने गए। डॉक्टर श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने स्वेच्छा से अलख जगाने के उद्देश्य से राजनीति में प्रवेश किया।
1947 मे पंडित जवाहरलाल नेहरू की कैबिनेट मैं भी शामिल हुए । 1950 मैं नेहरू कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया। 1951 मैं आर एस एस के गोवलकर के कहने पर भारतीय जनसंघ स्थापना की।
1952 के चुनाव में जनसंघ के तीन सांसद चुने गए भारत की अखंडता और कश्मीर का भारत में विलय के समर्थक थे जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटाने का विरोध करते रहे।
जिसमें वार्ड नंबर 24 के प्रतिपक्ष नेता संजय अग्रवाल जी द्वारा आयोजित किया। संकट मोचन हनुमान मंदिर के प्रांगण में तिलक एवं पुष्प अर्पित कर डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी को स्मरण किया, जीवन जीने की राह बताई एवं सही रूप से कार्य करने की प्रेरणा भी दि ,श्रद्धांजलि में वार्ड नंबर 24 के वार्ड वासी भी सम्मिलित हुए,सुनील अग्रवाल,रमेश खवसे, दिलीप झोड़,आकेश मोहबे राजू झरबड़े,आसाराम विश्वकर्मा, उमाकांत मालवीय,अनिल वानखेड़े , महेंद्र मुंशी, अनीश परते, दीना पवार, गोलू बारंगे ,फरीद खान,राजेन्द्र पहाड़े, देवीराम मोहबे, एवं महिलाएं भी सम्मिलित हुए।