Betul news: दीपावली पर शहीदों की याद और सेना के प्रति कृतज्ञता के दीपों से जगमगाया विजय स्तंभ बैतूल सांस्कृतिक सेवा समिति 12 वर्ष से शहीद भवन में मना रही दीपावली का पर्व

RAKESH SONI

दीपावली पर शहीदों की याद और सेना के प्रति कृतज्ञता के दीपों से जगमगाया विजय स्तंभ
बैतूल सांस्कृतिक सेवा समिति 12 वर्ष से शहीद भवन में मना रही दीपावली का पर्व

बैतूल। दीपावली पर्व पर आमतौर पर घरों, दुकानों के सामने दीए जलाए जाते हैं, लेकिन बैतूल में शहीदों की याद और बॉर्डर पर तैनात जवानों के उत्साह वर्धन के लिए बैतूल सांस्कृतिक सेवा समिति द्वारा 12 वर्षो से कृतज्ञता के दीप जलाएं जा रहे है। देश के सैनिकों के प्रति कृतज्ञता जाहिर करने प्रतिवर्ष शहीद भवन में दीप प्रज्वलित किए जाते है।

इस वर्ष भी 11 नवंबर को छोटी दीपावली एवं 12 नवंबर को महापर्व दीपावली पर शहीद भवन परिसर में स्थित विजय स्तंभ दीपों की रोशनी से जगमगा उठा। नगर पालिका बैतूल के सीएमओ ओमपाल सिंह भदौरिया, कराते प्रशिक्षक महेन्द्र सोनकर सहित बड़ी संख्या में संस्था के पदाधिकारी, सदस्य, एवं खिलाडिय़ों ने शहीद भवन पहुंचकर शहीदों के लिए श्रद्धाजंलि देश की सरहदों पर तैनात सैनिकों के लिए कृतज्ञता के दीप जलाएं। गौरतलब है कि बैतूल सांस्कृतिक सेवा समिति देश की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर तैनात सैनिकों को राखी बांधने समेत सैनिकों से जुड़ी गतिविधियों व कार्यक्रमों का आयोजन करती है। यह समिति 1999 में हुए कारगिल विजय के बाद ही अस्तित्व में आई थी। यह समिति की स्थापना का 25 वा वर्ष है जिसे समिति रजत उत्सव वर्ष के रुप में मना रही है।
घर से निकलकर विजय स्तंभ तक पहुंची पहल
इस अवसर पर नगर पालिका सीएमओ श्री भदौरिया ने इसे सराहनीय एवं अनुकरणीय पहल बताया। उन्होंने बताया कि देश के लिए बलिदान देने वाले जवानों को याद रखने एवं देश की सुरक्षा के लिए हर त्यौहार, परिवार को छोडक़र सरहद पर तैनात सैनिकों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने की सोच हर व्यक्ति में होनी चाहिए। सामाजिक कार्यों में अग्रणी बैतूल सांस्कृतिक सेवा समिति की एक छोटी सी पहल अब परंपरा सी बन गई है, जो घर से निकलकर शहीद स्तंभ तक पहुंच गई। समिति अध्यक्ष एवं सदस्यों द्वारा पूर्व में घर में दो दीप जलाएं जाते थे, अब पिछले 12 वर्षों से समिति द्वारा छोटी दीपावली एवं दीपावली महापर्व पर शहीद भवन एवं शहीद स्मारक पर सरहद पर तैनात सैनिकों के उत्साह वर्धन और शहीदों की याद में दीए जलाएं जा रहे है। इस दौरान कराते प्रशिक्षक महेन्द्र सोनकर, समिति अध्यक्ष गौरी पदम, सचिव भारत पदम, सहसचिव ईश्वर सोनी, सदस्य मेहर प्रभा परमार, शिवानी मालवी, चेताली गौर, प्रज्ञा झगेकर, आकृति परमार, कावेरी झगेकर, प्रमुख रुप से मौजूद रहे।

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