बच्चों में 4-डी की पहचान के लिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत शिक्षकों का प्रशिक्षण आयोजित
बैतुल। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत बैतूल जिले में प्रशिक्षण सह कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है। इन प्रशिक्षण सह कार्यशालाओं में 4-डी (डेवलपमेंट डिले, डिसेबिलिटी, बर्थ डिफेक्ट एवं डेफिसिएन्सी) की पहचान एवं रोकथाम के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
शिक्षकों के इस प्रशिक्षण का उद्देश्य 4-डी की पहचान एवं रोकथाम में सहयोग करना है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत शहरी क्षेत्र बैतूल के लिये मंगलवार को शिक्षकों की प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन जनपद पंचायत के सभाकक्ष में किया गया। कार्यशाला में शिक्षकों को नवजात शिशुओं में जन्म से पायी जाने वाली विकृतियों 4-डी (डेवलपमेंट डिले, डिसेबिलिटी, बर्थ डिफेक्ट एवं डेफि सिएन्सी) की पहचान एवं रोकथाम के संबंध में जानकारी दी गई। 4-डी में 32 प्रकार की बीमारियों की जानकारी, उन बीमारियों की स्क्रीनिंग एवं इलाज प्रदाय की सुविधा, रैफरल संस्थाओं की जानकारी प्रदाय की गई।
प्रशिक्षण में आरबीएसके चिकित्सक डॉ. ज्ञानेश्वर झरबड़े, डॉ. निधि मालवीय एवं आर.बी.एस. के प्रबंधक श्री योगेन्द्र कुमार सहित शिक्षकगण उपस्थित रहे।