कुंडली में ऐसे बनता है धन योग, देखिए क्या आपकी कुंडली में बना है यह संयोग

RAKESH SONI

कुंडली में ऐसे बनता है धन योग, देखिए क्या आपकी कुंडली में बना है यह संयोग

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मनुष्य की जन्मकुंडली में कुछ ऐसे योग होते हैं, जो उसे धनवान बनाते हैं ज्योतिषाचार्य पं. रविंद्र जी गर्ग ने बताया कि कई बार देखा गया है कि कुछ लोग कम समय में ही करियर की ऊंचाइयों को छू लेते हैं और आर्थिक सम्पन्न हो जाते हैं। क्योंकि कुंडली में धन योग के कारण ये लोग जिस भी किसी काम में हाथ डालते हैं, उसमें इन्हें सफलता मिलती है और ये बहुत कम प्रयास में भी काफी सारा धन अर्जित कर लेते हैं। बता दें कि कुंडली में स्तिथ ग्रहों की स्थिति और दशाओं को देखकर ही पता लगाया जा सकता है कि आपके जीवन में कब कैसा समय आने वाला है, आइए जानते हैं कुंडली में वो कौन से धन योग हैं जो मनुष्य को धनवान बनाते हैं- 
*महाधन योग:-* आचार्य पं. करुणा निधान गर्ग ने बताया कि दशमेश और एकादशेश की युति दसवें भाव में हो तो यह योग बनता है, यदि यह योग कुंडली में हो तो व्यक्ति योगकारक ग्रहों की महादशा और अंतर्दशा में धन एवं सभी भौतिक सुख साधनों को पाता है और अपने कार्यक्षेत्र में अच्छा धन कमाता है।
*धनमालिका योग:-* दूसरे भाव से लगातर सूर्यादि सातों ग्रह सातों राशि में स्थित हों तो इस योग का निर्माण होता है। यह योग व्यक्ति को जल्दी ही धनवान बना देता है और आर्थिक सम्पन्नता देता है। साथ ही ऐसे व्यक्ति के जीवन में भी कभी पैसों की कमी नहीं होती है।
*विष्णु योग:-* नवमेश, दशमेश और नवांश कुण्डली का नवमेश दूसरे भाव में स्थित हो तो यह योग व्यक्ति को बहुत धन अर्जित कराता है। मान्यता है कि ऐसे व्यक्ति के धनवान होने में उसके जीवनसाथी का बहुत बड़ा सहयोग होता है।
*महालक्ष्मी योग:-*  यह शुभ फल देने वाला योग है। इस योग के साथ जन्म लेने वाले व्यक्ति बेहद भाग्यशाली होते हैं। कुंडली में दूसरा भाव धन स्थान माना जाता है। वहीं ग्यारहवां भाव लाभ और भाव कहलाता है। जब इन दोनों भावों के स्वामियों का आपस में किसी भी प्रकार का सम्बंध स्थापित होता है तब इस योग का निर्माण होता है।
*लक्ष्मी योग:-* जैसे नाम से ही पता चलता है कि ये धन प्रदान करने वाला योग है। जिस भी व्यक्ति की कुंडली में इस योग का निर्माण होता है उन पर मां लक्ष्मी की सदैव कृपा रहती है। ज्योतिष के अनुसार जब कुंडली में नवमेश लग्नेश अथवा पंचमेश के साथ युति का बन रही हो तब ये योग बनता है।

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