सतपुड़ा जलाशय में फैली चाईनीज झालर की सफाई का मामला पहुंचा न्यायालय।
बैतुल/सारणी। बैतूल जिले के सबसे बड़े बांध सारनी के सतपुड़ा जलाशय में पिछले 4 साल से चाइनीज झालर का प्रकोप है। हालत यह है कि जलाशय के 80 फ़ीसदी क्षेत्र में यह खरपतवार फैला हुआ है।
खरपतवार के फैलने की वजह से जलाशय में मौजूद मछलियां मर गई हैं और सैकड़ों मछुआरों का जीवन यापन मुश्किल में पड़ चुका है वहीं जलाशय की जैव विविधता पर भी इसके गंभीर दुष्प्रभाव हो रहें हैं। इसे लेकर सारनी निवासी वाइल्डलाइफ एंड नेचर कंजर्वेशन एक्टिविस्ट आदिल खान ने बैतूल न्यायालय में मामला दायर किया है। आदिल ने बताया कि वे चार साल से जलाशय की सफाई की मांग करते हुए सैकड़ों पत्र व ईमेल प्रधानमंत्री समेत मुख्यमंत्री और अन्य संबंधित विभागों में भेज चुके हैं परंतु इस मामले का अब तक समाधान नहीं निकला है। जिस वजह से जलाशय की हालत दिनों दिन बिगड़ती जा रही है।
गौरतलब है की सांसद डी डी उइके ने दो बार लोकसभा में सतपुड़ा जलाशय की सफाई का मुद्दा उठाया परंतु उसके बाद भी कुछ नहीं हुआ, वहीं विधायक डॉ योगेश पंडाग्रे यह मुद्दा विधानसभा में उठा चुके हैं परंतु इस मामले का फिर भी कोई समाधान नहीं निकला लंबे समय तक इंतजार करने के बाद आदिल ने न्यायालय की शरण ली है। आदिल का कहना है कि सतपुड़ा जलाशय बैतूल जिले की धरोहर है और प्रकृति रूप से बेहद महत्वपूर्ण है इसलिए इसकी सफाई के लिए न्यायालय की शरण ली है। इस मामले में अदालत ने सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी के मुख्य अभियंता, कलेक्टर बैतूल, नगरपालिका सारनी के सीएमओ व अन्य दो विभागों के अधिकारियों को भी नोटिस जारी किया है।
जलाशय में फैली चाईनीज झालर की वजह से सतपुड़ा जलाशय में ओक्सीजन की कमी हो गई है और जलाशय की निचली सतह पर मौजूद जलीय पौधों की भी धुप न मिलने की वजह से मृत्यु हो गई है जिस वजह से जलाशय का पानी प्रदुषित हो रहा है और मछलियां मर रही है। गौरतलब है कि सतपुड़ा जलाशय से ही नगर पालिका सारनी भी संपूर्ण सारनी शहर में पानी पहुंचाने के लिए पंप हाउस का निर्माण कर रही है ।