घर में अवैध सागौन की लकड़ी रखने वाले आरोपी को 6 माह का सश्रम कारावास एवं 5000/- रू के अर्थदण्ड से दंडित किया गया।
बैतुल। माननीय न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी बैतूल ने घर में अवैध सागौन लकड़ी रखने वाले आरोपी षिवराम पिता फगनु उम्र-50 वर्ष निवासी धम्मरढाना (चिखली) थाना बीजादेही जिला बैतूल को धारा 5/16 म.प्र. वनोपज व्यापार विनियम अधिनियम 1969 के अपराध में दोषी पाते हुये 6 माह के सश्रम कारावास एवं 5000/- रू के जुर्माने से दंडित किया गया। प्रकरण में म.प्र. शासन की ओर से ए.डी.पी.ओ. अजीत सिंह के द्वारा पैरवी की गई। प्रकरण की पैरवी में सहा0ग्रेड-03 शषीकांत सोनारे द्वारा विषेष सहयोग प्रदान किया गया।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि दिनांक 04.02.2017 को वन परिक्षेत्र सावलीगढ़ बैतूल को मुखबिर सूचना प्राप्त हुई थी कि ग्राम धम्मरढाना चिखली में षिवराम ने अवैध वनोपज सागौन का सग्रंह कर रखा है। उक्त सूचना पर वनपरिक्षेत्र सावंलीगढ़ द्वारा षिवराम के घर का सर्च वारंट प्राप्त कर वन अमले के साथ ग्राम धम्मरढाना चिखली पहुंचे आरोपी पर सर्च वारंट तामील कराया गया। आरोपी के घर, आगंन, बाड़ी एवं खेत की तलाषी ली गई तलाषी के दौरान उसके घर से सागौन चिरान, लट्ठा एवं बल्ली कुल 76 नग सागौन लकड़ी बरामद हुई थी षिवराम से सागौन लकड़ी रखने के संबंध में बिल/वैध दस्तावेंज की मांग की गई किंतु उसके द्वारा कोई भी दस्तावेंज प्रस्तुत नहीं किये गये। मौके पर ही सागौन लकड़ी को जप्त किया गया, जप्तषुदा लकड़ी की सूची तैयार की गई। घटना स्थल का नजरी नक्षा व मौका पंचनामा बनाया गया तथा षिवराम के विरूद्ध वन अपराध पंजीबद्ध किया गया। आवष्यक विवेचना उपरांत आरोपी षिवराम के विरूद्ध परिवाद पत्र तैयार कर माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। विचारण के दौरान अभियोजन ने अपना मामला युक्तियुक्त संदेह से परे प्रमाणित किया जिसके आधार पर न्यायालय ने आरोपी षिवराम को दंडित किया।