संकलन व सोलो पुस्तक का सफलतापूर्वक प्रकाशन।

RAKESH SONI

संकलन व सोलो पुस्तक का सफलतापूर्वक प्रकाशन।

सारणी:- उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के बाँदा जिले में स्थित बुंदेलखंड पब्लिकेशन हाउस द्वारा विगत वर्षों में कई विषयों पर कई संकलन व सोलो बुक इत्यादि का निःशुल्क सफलतापूर्वक प्रकाशन किया गया। बुंदेलखंड पब्लिकेशन हाउस (बी.पी.एच.) के संस्थापक अब्दुल रहमान (रहमान बाँदवी) द्वारा बताया गया कि इसी क्रम में इस बार भी POT OF INKS पॉट ऑफ इंक्स नामक संकलन में देश-विदेश के विभिन्न लेखकों ने अपनी रचनाओं को प्रस्तुत किया है जिसको केन्या की Ms. JAEL KEMUMA MIGRO आदरणीया जाईल केमुमा माइग्रो जी ने संकलित किया व इस पुस्तक की प्रूफ़ रीडिंग आदरणीय सकलैन साकिब जी द्वारा की गई है। इस संकलन को सफल बनाने वाले सह-लेखकों के नाम व उसके सम्मुख उनकी राष्ट्रीयता को भी अंकित किया गया है जो इस प्रकार हैं- आदरणीय/आदरणीया ओबुचेरे जेम्स (केन्या), स्नेहा मैटी (भारत), साम्वेल ओसेरोमा (नाइजीरिया), डॉ. सतीश. सी. श्रीवास्तव (भारत) , नवानको लेवी (बाएफरा), फ्राँसिस ओटोले (नाइजीरिया), कोलोवाले ताजुद्दीन (नाइजीरिया), ओकेओवाटा उचेचुकवु लॉरेंस -(नाइजीरिया), मार्क केविन बनारिया रामोस (फिलीपींस), दीपक हुड्डा (भारत), एलिजा गेब्रियल अकपन (नाइजीरिया), जानवी (भारत), सिरीजा साधुखान (भारत), बिम्बोला ओजुओलेप (नाइजीरिया), रिमझिम अग्रवाल (भारत), ऐडेके लुकमान (नाइजीरिया), किंग आशा (नाइजीरिया), वियोला न्याबोके न्याकोरा (नाइजीरिया), करांजा वांगुई (केन्या), कलमकार (भारत), एंडिले सिगोड़े (ज़िम्बाब्वे), फोडे कन्नेह (केन्या), सुभांजली निषाद (भारत), इशिता बनर्जी (भारत), एंडरसन मोसेस (नाइजीरिया), सिल्विया वंबुई मवाशिगडी (केन्या), पंखी शर्मा (भारत), डॉ. कानु तिवारी (भारत), पॉउलीन ग्रेस मुनयी (केन्या), संजना भट्ट (भारत), डार्लिंन रूड (केन्या), फ़ाथिया ओलारेवाजु (केन्या), लुवाला केल्विन (केन्या), मुटुआ टेल्विन (केन्या), स्वाति वैद्य (भारत),सप्तपर्णा बनर्जी (भारत)।
संकलक द्वारा बताया गया कि इस संकलन में सभी सह-लेखकों ने अपने-अपने पसंद के विषय पर अपनी रचनाओं को प्रस्तुत करते हुए इस संकनल को पूर्ण करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
हाल ही में ओ.एम.जी. बुक ऑफ रिकॉर्ड के संस्थापक श्री प्रो. डॉ. दिनेश गुप्ता जी की सोलो बुक अब नहीं तो कब को भी प्रकाशित किया गया।

अब नहीं तो कब ? में लेखक ने नवयुवकों को प्रेरित करने की कोशिश की है।

यह पुस्तक सवाल नही, जवाब है आपके भावी जीवन का। आपने कितना जीवन , और उसे कैसे जिया से ज्यादा महत्वपूर्ण, अब से आप कैसे जीने वाले हो, इस पर यह पुस्तक आधारित है।

आप जो कुछ बनना, बनाना और हासिल करना चाहते हो ..यह पुस्तक एक मार्गदर्शिका है।
इस प्रकार दोनों पुस्तकों को निःशुल्क प्रकाशित किया गया जो अमेज़न व फिल्पकार्ट इत्यादि अन्य प्लेटफार्म पर भी ई-बुक व पेपरबैक दोनों रूप में उपलब्ध है।

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