जल,जन,और जीवन का सफल प्रकाशन
सारणी:- मनसंगी साहित्य संगम की ओर से मासिक पत्रिका की कड़ी में नौवें अंक -“जल,जन और जीवन” का सफल प्रकाशन किया गया, जिसे संपादक आ. निहारिका पाटीदार जी के द्वारा सुंदर चित्रों द्वारा सुसज्जित करके पत्रिका को आकर्षक बनाया व संकलन का कार्य आ. जागृति शर्मा ने किया। मनसंगी परिवार की ओर से संस्थापक आ. अमन राठौर “मन”जी और सह संस्थापिका मनीषा कौशल जी के सानिध्य में, आ. सत्यम द्विवेदी जी की अध्यक्षता में मनसंगी परिवार की समाज को जल का जन जीवन में महत्व व संरक्षण के प्रति जागरूक करती इस पत्रिका का बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति किया गया ।। सरस्वती वंदना से शुरुवात श्री सत्यम द्विवेदी जी ने दिया। पत्रिका को सफल बनाने में जावेद अली जी, संदीप खैरा “दीप”जी , डां.राम शरण सेठ जी,नौशाद अली जी,गोविंद”आनंद”जी,पीयूष राजा जी,व्यंजना आनंद ‘मिथ्या’,जी डां.संजू त्रिपाठी “एक सोच” जी,सुरेंद्र चतुर्वेदी जी , अनीता गुप्ता जी, सुमित जी , वेद प्रकाश दिवाकर जी, विनोद ढींगरा,*राजन* जी, आकाश सिंह राठौर जी,नीलाक्ष ओझा जी, अकलेश कुमार नवलाकर जी, सुरंजना पांडेय जी, देवेश दीक्षित जी, ज्ञानेश्वरी व्यास जी,रामकुमारी जी, माला पहल जी ,नेहा पान्डेय जी, राजेश तिवारी ‘मक्खन ‘जी,त्रिभुवन गौतम जी, काजल सोनी जी,नरेन्द्र वैष्णव”सक्ति” जी निशा”अतुल्य” जी,आशीष द्विवेदी “साथी” जी,माही मंसूरी जी, नीलोफ़र फ़ारूक़ी तौसीफ़ जी, नंदिनी लहेजा जी,विनीत श्रीवास्तव जी, प्रीति सक्सेना जी,नंदिता माजी शर्मा जी, डां. शशिकला अवस्थी जी,केटी दादलाणी जी, प्रज्ञा आंबेरकर जी,हरि प्रकाश गुप्ता ‘सरल’ जी जागृति शर्मा जी ने अपनी रचना देकर योगदान दिया। पत्रिका के बारे में संकलक जागृति शर्मा ने बताया कि पत्रिका का नौवा अंक जन जीवन में जल के महत्व,जल प्रदूषण का प्रभाव ,जल संरक्षण पर आधारित पत्रिका हैं। जिससे समाज और पाठक जल के बारे में जान सके और जल के महत्व को समझकर जल संरक्षण को जीवन में अपनाकर अपने जीवन में बदलाव ला कर पर्यावरण संतुलन की ओर एक सराहनीय कदम बढ़ा सके।