मनसंगी पत्रिका का सफलतम एक वर्ष पूरा हुआ ,रक्षाबंधन हुआ सफल प्रकाशन
मनसंगी साहित्य संगम की ओर से मासिक पत्रिका का प्रकाशन कार्य शुरू संस्थापक महोदय मन जी के जन्मदिसव 11 अगस्त 2021 से हुआ है। इसी कड़ी में बारहवें अंक -“रक्षाबंधन ” का सफल प्रकाशन किया गया, संपादीका आ. निहारिका पाटीदार जी के द्वारा सुंदर चित्रों द्वारा सुसज्जित करके पत्रिका को आकर्षक बनाया व संकलन का कार्य आ. जागृति शर्मा ने किया। मनसंगी परिवार की ओर से संस्थापक आ. अमन राठौर “मन”जी और सह संस्थापिका मनीषा कौशल जी के सानिध्य में, आ. सत्यम द्विवेदी जी की अध्यक्षता में मनसंगी परिवार की ओर से रक्षाबंधन के अवसर पर समाज को रक्षाबंधन के महत्व ,पर्व से जुड़ी रोचक किस्से, कविता के माध्यम से भाई-बहन के प्रेम को दर्शाने का प्रयास किया गया हैं, जिससे वर्तमान पीढ़ी को हमारे संस्कृति तथा पर्व के बारे में पता चल सकें। जीवन में रिश्तों के महत्व के प्रति जागरूक करती इस पत्रिका का बहुत ही सुन्दर प्रकाशन किया गया ।। सरस्वती वंदना से शुरुवात व संपादकीय पृष्ठ श्री सत्यम द्विवेदी जी ने दिया। पत्रिका को सफल बनाने में रामकुमारी जी, काजल सोनी जी,लता सिंघई जी,ज्योति एन भावनानी जी,नंदिता माजी शर्मा जी, आशीष प्रकाश जी, मोहम्मद वसीम जी, ज्योति सोनी जी,पूजा गायकवाड़ जी,वेद प्रकाश दिवाकर जी,प्रियंका लालवानी जी , नेहा मौर्या जी,डां. शशिकला अवस्थी जी, गुरुदयाल झारिया जी,सरोज व्यास,सुरेन्द्र चतुर्वेदी जी,कल्पना रामनारायण कहार जी,आंचल त्रिपाठी जी, मदनगोपाल शाक्य”प्रकाश” जी,आरती श्रीवास्तव जी ,माला पहल जी, सरला मेहता जी, आकांक्षा वर्मा जी,त्रिभुवन गौतम जी, एकता श्रीवास्तव जी,एस पी “हिंदुस्तानी” जी, तलत एजाज जी,गौरव शर्मा जी, सुनीता यादव जी,मिती प्रियंका जी, दीपमाला साहू जी, शिक्षा दीक्षित जी,अशोक शर्मा जी, जागृति शर्मा जी,डां. संजू त्रिपाठी जी, निधि बोथरा जी,डां. राम शरण सेठ जी, ज्ञानेश्वरी व्यास जी ,देवेश दीक्षित जी, प्रियंवदा पांडे प्रियम जी, डां. सरला सिंह जी, विनीत श्रीवास्तव जी,पीयूष राजा जी, अंकिता श्रीवास्तव जी, प्रीति सक्सेना जी, रचना सिंह जी, नरेश माहेश्वरी जी,सुरंजना पांडेय जी,अंजू भाटिया जी,विनोद ढींगरा जी,रश्मि श्रीवास्तव जी, अनामिका संजय अग्रवाल जी, निहारिका पाटीदार जी रविशंकर निषाद जी, पाखी जैन जी ने अपनी रचना देकर योगदान दिया। पत्रिका के बारे में संकलक जागृति शर्मा ने बताया कि पत्रिका का बारहवां अंक ” रक्षाबंधन” जीवन में पर्व व रिश्तों के महत्त्व पर आधारित पत्रिका हैं। जिससे समाज और पाठक इस विषय के बारे में जान सके और जीवन में अपनाकर अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सके।