संतान की प्राप्ति के लिए किया जाता है श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रत जानते है सुमित्रा जी से

RAKESH SONI

संतान की प्राप्ति के लिए किया जाता है श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रत जानते है सुमित्रा जी से

Kolkata। संतान की प्राप्ति के लिए किया जाता है श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रत

हिंदू पंचांग की एकादशी तिथि चाहे वह कृष्ण पक्ष की हो या शुक्ल पक्ष की, हिंदू धर्म में उसका महत्व बहुत अधिक होता है। प्रत्येक माह की कृष्ण और शुक्ल एकादशियां अपने आप में खास होती हैं। एकादशी के दिन भगवान विष्णु की आराधना की जाती है और उपवास भी रखा जाता है। श्रावण और पौष मास की एकादशियों का महत्व एक समान माना जाता है। इन एकादशियों को संतान प्राप्ति के लिए श्रेष्ठ माना गया है। श्रावण मास की एकादशी को श्रावण पुत्रदा एकादशी कहा जाता है। जानते हैं श्रावण शुक्ल एकादशी की व्रत कथा व पूजा विधि के बारे में। यह इस बार 27 अगस्त को है।

व्रत विधि

एकादशी व्रत के लिए दशमी के दिन व्रती को सात्विक आहार लेना चाहिए। ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि से स्वच्छ होकर व्रत का संकल्प लें और भगवान विष्णु के बाल गोपाल रूप की पूजा करें। रात्रि में भजन कीर्तन करते हुए जागरण करना चाहिए। तत्पश्चात द्वादशी के दिन के सूर्योदय के साथ पूजा संपन्न की जानी चाहिए। इसके पश्चात व्रत का पारण किसी भूखे जरूरतमंद या फिर पात्र ब्राह्मण को भोजन करवाकर करना चाहिए।

व्रत कथा

युद्धिष्ठिर भगवान श्री कृष्ण से श्रावण एकादशी के महत्व को बताने का आग्रह किया। तब श्री कृष्ण ने उन्हें बताया कि द्वापर युग में महिष्मतीपुरी का राजा महीजित बड़ा ही शांति एवं धर्म प्रिय था। लेकिन वह पुत्र-विहीन था। जब महामुनि लोमेश के निर्देशानुसार प्रजा के साथ-साथ जब राजा ने भी यह व्रत रखा, तो कुछ समय बाद रानी ने एक तेजस्वी पुत्र को जन्म दिया। तभी से इस एकादशी को श्रावण पुत्रदा एकादशी कहा जाने लगा।

श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रत 2023 शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 27 अगस्त को रात्रि 12 बजकर 08 मिनट से शुरू होगी और इस तिथि का समापन इसी दिन रात्रि 09 बजकर 32 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रत 27 अगस्त 2023, रविवार के दिन रखा जाएगा। वही एकादशी व्रत का पारण 28 अगस्त को सुबह 05 बजकर 57 मिनट से सुबह 08 बजकर 31 मिनट के बीच किया जाएगा।

श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रत महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पुत्रदा एकादशी व्रत रखने से साधक को सभी भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही उनके लिए मोक्ष के द्वार खुल जाते हैं। यह व्रत रखने से सभी पापों का नाश होता है और कई प्रकार के ग्रह दोष दूर हो जाते हैं। ऐसा भी माना जाता है कि पुत्रदा एकादशी
व्रत का पालन करने से संतान सुख, दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

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