Sarni samachar: गायत्री महायज्ञ के अन्तिम दिन 6 जोड़ों के हुए आदर्श विवाह 26 यूनिट रक्तदान भी हुआ
सारणी। स्थानीय गायत्री प्रज्ञा पीठ में जारी पांच दिवसीय वार्षिक उत्सव के समापन के अवसर पर सैकड़ो श्रद्धालु जनों ने सबके लिए सद्बुद्धि और सबके उज्जवल भविष्य की कामना के साथ देव शक्तियों को आहुतियां समर्पित की तथा यहां आयोजित विशाल भंडारे में प्रसाद ग्रहण किया गायत्री परिवार के संस्थापक परम पूज्य गुरूदेव श्रीराम शर्मा आचार्य जी के शत् सूत्रीय समाज सेवा कार्य अंतर्गत 6 जोड़ों के बिना दहेज के सादगी पूर्ण आदर्श शुभ विवाह वैदिक रीति से संपन्न हुए और रक्तदान कैंप में 26 यूनिट रक्तदान हुआ अन्य निशुल्क संस्कारों में 20 गुरु दीक्षा और पुंसवन संस्कार संपन्न हुए । शनिवार रात्रि में दीप महायज्ञ का भी आयोजन हुआ। महायज्ञ संचालन टोली के प्रमुख प्रवचन कर्ता अविनाश जी ने बताया कि सृष्टि में ब्रह्मा, विष्णु, महेश, सृजन, पालन और अवांछनीयता के निराकरण के देवता है उसी प्रकार हमारे जीवन में माता की कोख में सृजन, पिता द्वारा पोषण,संरक्षण और गुरु द्वारा संकटों और कठिनाइयों का निराकरण होता है । उन्होंने बताया कि बिना आत्म परिष्कार के की जाने वाली पूजा से कोई लाभ नहीं होता है । जिस तरह आग चूल्हे में जलती है तो भोजन बनता है, दीपक में जलती है तो प्रकाश होता है, बीड़ी सिगरेट के संग से बीमारी उत्पन्न हो जाती है वैसे ही गलत संगति से गुण कर्म स्वभाव गलत हो जाते हैं । उन्होंने बताया कि भगवान ने हम सबको कपड़े, रूपए पैसे नहीं बल्कि समय देकर भेजा है अतः यह समय बहुत ही मूल्यवान है इसका सदुपयोग करके आत्म कल्याण, समाज कल्याण के लिए जुट जाना चाहिए । महायज्ञ के समापन अवसर पर गायत्री परिवार सारणी की ओर से कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग हेतु सभी समाजसेवियों, समयदानियों, अंशदानियों, प्रशासनिक अधिकारीगण, पुलिस विभाग, व्यापारी वर्ग, पत्रकार बंधुओ, प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से सहयोग देने वाले सभी श्रद्धालु जनों ,स्थानीय नागरिकों को धन्यवाद ज्ञापित किया है।