Sarni samachar: अभियंताओ का जाने का सिलसिला कब थमेगा ।
ओ 3 स्टार को समाप्त कर भेदभाव की नीति बंद हो।
सारनी। मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा को धरातल पर लाने के लिए आमला सारणी के विधायक डॉक्टर योगेश पंडाग्रे 2020 से प्रयास कर रहे है। क्षेत्रीय सांसद दुर्गादास उइके भी सारनी में 660 मेगावाट की सुपर क्रिटिकल ईकाई स्थापित करने के लिए प्रयास करते रहे हैं, जिससे क्षेत्र में विकास के साथ ही रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सके। स्थानीय जनता और प्रतिनिधियों के अथक प्रयासों के साथ ही 2017 से विद्युत मंडल कर्मचारी यूनियन सारनी भी लगातार तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को ज्ञापन देकर 660 मेगावाट की एक ईकाई अमरकंटक में और 2 ईकाई 660 की सारनी में स्थापित करने की मांग करते रहे हैं। शिवराज सिंह चौहान मुख्य मंत्री ने अपने घोषणा को धरातल पर खडा किया। बुरहानपुर में शब्बीर खान शिवराज सिंह चौहान की एक आम सभा में मिले बताया की सारनी से आना हुआ। मुख्य मंत्री चौहान प्रसन्न होकर बोले मैंने सारनी को उजड़ने नहीं देने का वचन दिया है। इन सब के प्रयास से सारनी में 660 मेगावाट ईकाई का मार्ग प्रशस्त हुआ। लेकिन लगता है की उस पर भी संकट के बादल आने वाले है। उक्त ईकाई का निर्माण जिन इरेक्शन के अनुभवी इंजीनियर्स के भरोसे था उनमें से अधिकांश अब एनटीपीसी में अपनी सेवाएं देने जा रहे है। एनटीपीसी ने लगभग 35 योग्य एवं अनुभवी अभियंताओं को दस्तावेज वेरिफिकेशन के लिए आमंत्रित किया है। ये सभी अभियंता मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड में काम सीख कर एवं दक्षता हासिल कर एनटीपीसी की ईकाई निर्माण कार्य करवाएंगे। पहले भी कई बार मीडिया द्वारा कंपनी प्रबंधन को चेताया की कंपनी कैडर के कर्मचारियों की विभिन्न समस्याएं जिनमे O3* कॉलम को पे मैट्रिक से विलोपित करना जैसी मुख्य मांग को यदि समय रहते निराकरण नही किया गया तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते है। पर लगता है प्रबंधन अभी गहरी नींद में में न है इसीलिए आज दिनांक 5 जुलाई तक कोई करवाई नही हुई। कई अभियंताओं से जब इस बाबत चर्चा हुई तो उन्होंने स्पष्ट रूप से बतलाया की वे सभी अपनी वर्तमान कंपनी के प्रति पूर्ण निष्ठा रखते हैं परंतु कंपनी प्रबंधन द्वारा उनकी जायज मांग पर विगत 7-8 वर्षो से ध्यान नहीं दिए जाने से वे काफी हताश होकर कंपनी छोड़ने के लिए विवश हो रहे है। इन सभी अभियंताओं का यह भी कहना है की यदि जल्द ही O3* का मुद्दा सुलझ जाता है तो वे कंपनी छोड़ कर जाने का विचार त्याग देंगे।उल्लेखनीय है की अभी हाल ही में मध्य प्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी ने 35 के लगभग अभियंताओं की भर्ती की है जिन्होंने अभी ज्वाइन ही नहीं किया है और उससे पहले इतने ही अभियंता अपनी सेवा से त्यागपत्र दे देंगे। कुल मिला कर भर्ती करने का कोई फायदा ही नहीं मिलेगा एवं अभियंताओं की कमी बनी रहेगी। एनटीपीसी के अलावा अन्य कंपनियों जैसे आरईसी, एसजेवीएनएल, टीएचडीसी,नेवेली लिग्नाइट कॉर्पोरेशन इत्यादि में 100 से ज्यादा कुशल अभियंता एमपीपीजीसीएल छोड़ कर ज्वाइन कर चुके है और ये आंकड़ा भविष्य में काफी भयावह रूप से बढ़ जाएगा।उम्मीद है देश एवं प्रदेश हित में प्रबंधन अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए अभियंताओं को रोकने में सफल हो पाएगा।
सारनी। मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा को धरातल पर लाने के लिए आमला सारणी के विधायक डॉक्टर योगेश पंडाग्रे 2020 से प्रयास कर रहे है। क्षेत्रीय सांसद दुर्गादास उइके भी सारनी में 660 मेगावाट की सुपर क्रिटिकल ईकाई स्थापित करने के लिए प्रयास करते रहे हैं, जिससे क्षेत्र में विकास के साथ ही रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सके। स्थानीय जनता और प्रतिनिधियों के अथक प्रयासों के साथ ही 2017 से विद्युत मंडल कर्मचारी यूनियन सारनी भी लगातार तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को ज्ञापन देकर 660 मेगावाट की एक ईकाई अमरकंटक में और 2 ईकाई 660 की सारनी में स्थापित करने की मांग करते रहे हैं। शिवराज सिंह चौहान मुख्य मंत्री ने अपने घोषणा को धरातल पर खडा किया। बुरहानपुर में शब्बीर खान शिवराज सिंह चौहान की एक आम सभा में मिले बताया की सारनी से आना हुआ। मुख्य मंत्री चौहान प्रसन्न होकर बोले मैंने सारनी को उजड़ने नहीं देने का वचन दिया है। इन सब के प्रयास से सारनी में 660 मेगावाट ईकाई का मार्ग प्रशस्त हुआ। लेकिन लगता है की उस पर भी संकट के बादल आने वाले है। उक्त ईकाई का निर्माण जिन इरेक्शन के अनुभवी इंजीनियर्स के भरोसे था उनमें से अधिकांश अब एनटीपीसी में अपनी सेवाएं देने जा रहे है। एनटीपीसी ने लगभग 35 योग्य एवं अनुभवी अभियंताओं को दस्तावेज वेरिफिकेशन के लिए आमंत्रित किया है। ये सभी अभियंता मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड में काम सीख कर एवं दक्षता हासिल कर एनटीपीसी की ईकाई निर्माण कार्य करवाएंगे। पहले भी कई बार मीडिया द्वारा कंपनी प्रबंधन को चेताया की कंपनी कैडर के कर्मचारियों की विभिन्न समस्याएं जिनमे O3* कॉलम को पे मैट्रिक से विलोपित करना जैसी मुख्य मांग को यदि समय रहते निराकरण नही किया गया तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते है। पर लगता है प्रबंधन अभी गहरी नींद में में न है इसीलिए आज दिनांक 5 जुलाई तक कोई करवाई नही हुई। कई अभियंताओं से जब इस बाबत चर्चा हुई तो उन्होंने स्पष्ट रूप से बतलाया की वे सभी अपनी वर्तमान कंपनी के प्रति पूर्ण निष्ठा रखते हैं परंतु कंपनी प्रबंधन द्वारा उनकी जायज मांग पर विगत 7-8 वर्षो से ध्यान नहीं दिए जाने से वे काफी हताश होकर कंपनी छोड़ने के लिए विवश हो रहे है। इन सभी अभियंताओं का यह भी कहना है की यदि जल्द ही O3* का मुद्दा सुलझ जाता है तो वे कंपनी छोड़ कर जाने का विचार त्याग देंगे।उल्लेखनीय है की अभी हाल ही में मध्य प्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी ने 35 के लगभग अभियंताओं की भर्ती की है जिन्होंने अभी ज्वाइन ही नहीं किया है और उससे पहले इतने ही अभियंता अपनी सेवा से त्यागपत्र दे देंगे। कुल मिला कर भर्ती करने का कोई फायदा ही नहीं मिलेगा एवं अभियंताओं की कमी बनी रहेगी। एनटीपीसी के अलावा अन्य कंपनियों जैसे आरईसी, एसजेवीएनएल, टीएचडीसी,नेवेली लिग्नाइट कॉर्पोरेशन इत्यादि में 100 से ज्यादा कुशल अभियंता एमपीपीजीसीएल छोड़ कर ज्वाइन कर चुके है और ये आंकड़ा भविष्य में काफी भयावह रूप से बढ़ जाएगा।उम्मीद है देश एवं प्रदेश हित में प्रबंधन अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए अभियंताओं को रोकने में सफल हो पाएगा।
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