Sarni Mppgcl samachar: पावर इंजीनियर एंड एम्पलाइज एसोसिएशन  ने अपनी समस्याओं को लेकर मुख्य अभियंता को सोपा ज्ञापन

RAKESH SONI

Sarni Mppgcl samachar: पावर इंजीनियर एंड एम्पलाइज एसोसिएशन  ने अपनी समस्याओं को लेकर मुख्य अभियंता को सोपा ज्ञापन

सारणी। पावर इंजीनियर एंड एम्पलाइज एसोसिएशन को वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी चिकित्सालय सारनी के दिए गए पत्र के संदर्भ में माननीय मुख्य अभियंता (उत्पादन) मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड सारनी को ज्ञापन सौंपा गया। जिसमें संगठन द्वारा निवेदन किया गया कि पावर हाउस सारनी में मेन पावर के साथ-साथ सेवानिवृत कर्मचारी, अधिकारी स्थानीय चिकित्सालय पर निर्भर हैं ,यहां से बैतूल जिला मुख्यालय 50 किलोमीटर दूर होने के कारण अकस्मात स्थिति में केवल एमपीपीजीसीएल चिकित्सालय सारनी ही एकमात्र सहारा है किंतु यहां भी चिकित्सकों की कमी के कारण भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है ,चिकित्सालय में आठ नियमित चिकित्सकों के स्थान पर सिर्फ एक ही चिकित्सक हैं जिनके ऊपर ही कार्यालय एवं प्रशासनिक कार्यों को संपादित करने की जिम्मेदारी है साथ ही मरीजों को ओपीडी एवं आईपीडी के माध्यम से उपचार देने का भी भार है। चिकित्सकों को रात्रि कालीन पाली में सेवाएं देने राष्ट्रीय अवकाशों के दिन सेवाएं देने के बाद भी ना तो उन्हें क्षतिपूर्ति अवकाश दिया जाता है और ना ही कंपनी की ओर से मिलने वाले आकस्मिक एवं अर्जित अवकाशों का उपयोग सरलता से कर पाते हैं और न ही कोई वित्तीय लाभ दिया जाता है । राज्य सरकार में कार्यरत चिकित्सा अधिकारियों का सातवें वेतनमान में व्यवसायिक भत्ता ( NPA) का प्रावधान ऑप्शनल है जिसमें कार्यरत चिकित्सक यदि एनपीए से संतुष्ट नहीं है तो उसका लाभ न लेकर अपनी ड्यूटी समय के अलावा बाहर मरीजों का उपचार कर सकते हैं ।यहां भी राज्य सरकार की भांति यदि चिकित्सक एनपीए त्याग कर चिकित्सालय समय के अतिरिक्त बाहर मरीजों को परामर्श देना चाहे तो उसकी अनुमति प्रदान की जाए। जिससे यहां भी अनुभवी और विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपलब्धता बढ़ाई जा सकती है।आदिवासी सुदूर क्षेत्र में चिकित्सकीय सुविधाएं प्रदान करने वाले चिकित्सकों को राज्य सरकार 3 वर्ष की निरंतर सेवा के बाद PG में इन सर्विस कोटा के साथ-साथ एजुकेशन लीव भी देती है जिससे उनकी सर्विस ब्रेक नहीं होती है, जबकि यहां पर हायर एजुकेशन लीव का प्रावधान न होने पर यहां कार्यरत चिकित्सा अधिकारियों को पीजी में चयन होने के बाद अपने पद को छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ता है जिसके कारण कंपनी में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी हमेशा बनी रहती है आवश्यक उच्च शिक्षा प्राप्त करने में असमर्थता के कारण ही यहां पर डॉक्टर कार्य करने के लिए ज्यादा समय के लिए उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। ज्ञापन के दौरान संगठन के पदाधिकारी और सदस्यों में दीपक कुमार वर्मा ,डॉक्टर विजय सिंह रघुवंशी ,नरेंद्र गुर्जर, लाल बाबू गिरि, चेतन कुशवाह ,प्रभात तिवारी ,रवि झा,घनश्याम नरवरे, सोनू पठारिया, नवीन पाटनकर, सुरेश मालवीय आदि उपस्थित रहे।

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