संस्कार भारती – दो दिवसीय अखिल भारतीय प्रबंधकारिणी बैठक में हुए सम्यक समूह चिंतन।
बैतूल। ललित कलाओ के माध्यम से जन जन तक पहुंचना ही संस्कार भारती का मुख्य कार्य है।भोपाल के माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय में समापन सत्र में विख्यात शिक्षाविद और चिंतक डॉ रविन्द्र भारती ,जयपुर ने अपने विचार व्यक्त किए। विश्व प्रसिद्ध चित्रकार संस्कार भारती अखिल भारतीय अध्यक्ष वासुदेव कामत, मुंबई ने भी इन विचारों को सम्पूर्ण पाथेय बताया।
श्री कामत ने सभी प्रांतों से भोपाल पहुंचे कलासाधकों , कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए और भोपाल महानगर के साथ ही मध्य भारत प्रांत के पदाधिकारी व्यवस्था में लगे कलाकारों के कार्यकर्ता भाव का अभिनंदन किया। कामत जी ने कहा नित्य नूतनता जो कि परिवर्तनशील है, साधना अकेले में की जाती है लेकिन प्रार्थना सबके साथ मिलकर सामुहिक की जाती है तभी उसका प्रभाव व्यापक होता है, परिवर्तन आवश्यक है, और कला प्रकार में भी यह अवश्यम्भावी है। ये केवल वैयक्तिक न होकर सामूहिक चिंतन से उपजा नवनीत ही संस्कार भारती का प्रयास और दिशा है। अखिल भारतीय बैठक में प्रख्यात बांसुरी वादक चेतन जोशी दिल्ली से, रंगमंच और फ़िल्म विधा से जुड़े प्रमोद पवार मुम्बई से और शिवाजी जी भाग्यनगर से, सतीश कुलकर्णी पुणे से, सुश्री यापी जी अरुणाचल प्रदेश से ,देवेंद्र रावत उत्तरांचल से, स्वदेश के प्रधान संपादक राजेन्द्र शर्मा, इस समूह चिंतन में सहभागी रहे। इस मौके पर मध्य भारत प्रांत संस्कार भारती के अध्यक्ष राजीव वर्मा, प्रकाश गलगले उपाध्यक्ष, अतुल अधोलिया महामंत्री,मोतीलाल कुशवाह सह-महामंत्री,अनिता करकरे सहित अनेक सदस्य उपस्थित रहे।