मध्य प्रदेश शासन की विद्युत कंपनियां दे रही है बेरोजगारी को बढ़ावा,  प्रबंधन मे प्रभाव रखने वालों सेवानिवृत्ति अधिकारियों की नियम विरुद्ध हो रही है भर्तिया,

RAKESH SONI

मध्य प्रदेश शासन की विद्युत कंपनियां दे रही है बेरोजगारी को बढ़ावा, 

प्रबंधन मे प्रभाव रखने वालों सेवानिवृत्ति अधिकारियों की नियम विरुद्ध हो रही है भर्तिया,

 अभियंता संघ ने किया विरोध और कहा प्रदेश के तकनीकी ज्ञान प्राप्त युवायों के साथ हो रहा है छलावा ।

सारणी। मध्य प्रदेश शासन की मंशा के विपरीत प्रदेश के तकनीकी शिक्षा प्राप्त युवाओ को रोजगार देने की जगह विद्युत कंपनियों (मुख्यतः मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड ) के प्रबंधन द्वारा सेवानिवृत्त अधिकारियों को विभिन्न माध्यम से पुनः सेवा मे लिया जा रहा है। विद्युत प्रबंधन के हठधर्मी रवैये से विद्युत कर्मियों मे भारी रोष व्याप्त है। मध्य प्रदेश विद्युत मण्डल अभियंता संघ के महासचिव विकास शुक्ला द्वारा बताया गया कि कंपनियों के प्रबंधन द्वारा विशेषज्ञों के नाम पर बैक डोर से सेवानिवृत्त अधिकारियों को आउटसोर्स के माध्यम से भर्ती किया जा रहा है। जिसका अभि‍यंता संघ पुरजोर विरोध करता है। ज्ञात हो कि प्रदेश की विजली का मूल्य प्रति यूनिट का निर्धारण एम.पी.ई.आर.सी. द्वारा किया जाता है, ऐसे मे उत्पादन कंपनी प्रबंधन के अव्यावहारिक निर्णय से प्रदेश के विजली मूल्य पर भी अतिरिक्त बोझ बढेगा, जो कि कहीं से कहीं तक प्रदेश के विद्युत कंपनियों, विजली उपभोक्ताओ और बिजली कर्मियों के हित मे नहीं है। 

प्रबंधन द्वारा तर्क दिया जाता है की हमारे पास अनुभवी अधिकारियों की कमी है, जो कि पूर्णता: निराधार है, इस तरह की नियुक्तिया भाई-भतीजा वाद एवं भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती है। अभियंता संघ ने पत्र लिख कर प्रदेश के माननीय मुख्य मंत्री जी से मांग की है कि अनावश्यक रूप से एवं नियम विरुद्ध की जा रही सेवानिवृत्त अधिकारियों की भर्ती प्रक्रिया में स्वसंज्ञान हस्तक्षेप करते हुए तत्काल प्रभाव से निरस्त करने हेतु सम्बंधितों को निर्देशित करे। जिससे मध्य प्रदेश के तकनीकी प्राप्त युवाओ के साथ अन्याय न हो, एवम आपके नेतृत्व मे प्रदेश के उपभोक्ताओ को सस्ती बिजली निर्वाध रूप मिलती रहे। विद्युत कर्मियों की सहानुभूति पूर्वक मांग से मध्य प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी घोषणा “बेरोजगारों को रोजगार” देने की मांग को भी संबल मिलेगा एवं मध्य प्रदेश शासन द्वारा रोजगार देने वाली घोषणा पर अमली जामा पहनाया जा सकेगा । साथ ही जो विद्युत विभाग के नियमित अधिकारी 05 से 35 वर्ष से कंपनियों में अपनी निरंतर सेवाएं देने के पश्चात भी पदोन्नति की वाट जोह रहे हैं, उन्हें सेवानिवृत्त से पूर्व पदोन्नति पाने के अवसर प्राप्त होंगे । 

संघ महासचिव विकास शुक्ला ने बताया कि विद्युत कंपनियों के प्रबंधन द्वारा लगातार विद्युत कर्मियों की मांगों को नजरंदाज किया जा रहा है, अत: विद्युत कर्मियों के सभी संगठनों ने एकजुट हो कर लड़ने का निर्णय लिया है। विभिन्न संगठनों के साथ जबलपुर मे प्रथम दौर की वार्ता दिनांक 13.04.23 अभियंता संघ कार्यालय जबलपुर में की गई थी एवं अंतिम निर्णय हेतु भोपाल मे दिनांक 23.04.23 को सभी संगठनों की बैठक प्रयोजित है । अभियंता संघ जल्द ही अपनी मांगों 03* (स्टार) विलोपित करने, पेंशन सुरक्षा, पुरानी पेंशन बहाली, फ्रिंज बेनीफिट, कंपनियों मे बैक डोर एंट्री रोकने जैसे विभिन्न मुद्दों पर सभी संगठनों से सहमत बनाकर, कर्मियों के हित के लिए आंदोलन का शंखनाद करेगा ।

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