कवि अमरपाल अमर , सरिता ठाकुर लिटिल विश्वास ने रविवार की शाम एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी
सारनी। मनसंगी साहित्य संगम के इंस्टाग्राम प्रेषित लाइव काव्यगोष्ठी का आयोजन बेहद ही सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ जिसमें रायबरेली जन्मभूमि से आए हुए भावी कवि,गीतकार आदरणीय अमर पाल “अमर” जी अपनी कर्मभूमि दिल्ली से आमंत्रित कवि रहे; जिन्होंने बेहतरीन काव्यपाठ से विभिन्न तरह से रसावदन करवाया व कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई, गुदगुदाया भी ,करुण से भरा भी। इन्ही के साथ लिटिल विश्वास जी के नाम से विख्यात कवि झारखंड से जुड़े हुए थे अपने मुक्तको और गीतों से श्रोताओं के मन में जगह बनाई। कवयित्री,गीतकार सुश्री सरिता सिंह ठाकुर जी जबलपुर मध्यप्रदेश से जुड़ी थी, जिन्होंने साहित्य प्रेम से सबका दिल जीत लिया;एक से बढ़कर एक गीत सुनाए। संस्थापक व संचालक अमन राठौर” मन “जी ने बेहतरीन संचालन किया संयोजक व अध्यक्ष सत्यम द्विवेदी जी के मार्गदर्शन से कार्यक्रम सफल रहा। सभी आमंत्रित कवि और कवयित्री तथा श्रोताओं से प्रंशसा भी प्राप्त की ; अतिथियों ने मंच की उन्नति के लिए शुभ कामनाएं दी।आगामी कार्यक्रम 13 अगस्त दिन रविवार को होना है जिसमें उत्तरप्रदेश के तीन बेहतरीन साहित्यकार मौजूद रहेंगे:- इति शिवहरे(औरिया),विपिन वल्लभ (कानपुर) और रजनीश उपाध्याय (बनारस) से रहेगे।
सम्मानित कवियों की स्मृति पँक्तिया निम्न है।
आज सब कुछ तुम्हें दिया मैंने
याद हर पल तुम्हें किया मैंने
कष्ट ने जब कभी सताया तो
नाम बस राम का लिया मैंने
कवि अमर पाल अमर जी
जहां तितली के झूमे पर , वही मकरंद बन जाऊं ।
कबीरा-सा पिरो लो गर हमें तो छंद बन जाऊं।
यशस्वी सभ्यता मेरी , इसे फिर आंच आई तो,
शिकागो की सभा वाला, विवेकानंद बन जाऊं ।।
लिटिल विश्वास जी
दिन और रात ये हृदय तुम्हारा
मुझे पुकारा करता था,,
भाव पूर्ण होकर बस ये तो
मुझे निहारा करता था,,,
जैसे मेने स्वप्न चुने थे,,
कुछ इक तुम भी बो जाते………
सरिता सिंह ठाकुर जी