पौष अमावस्या आज जानते है आज किये गए दान का महत्व
पौष अमावस्या। पौष माह की अमावस्या तिथि पर पितरों की तृप्ति करने के लिए तर्पण और पिंडदान करना चाहिए। पौष अमावस्या की अमावस्या पर 11 जनवरी को दान करना भी शुभ माना जाता है।
गरीब लोगों को मीठे चावल का दान करना चाहिए।
ब्राह्मणों को भोजन कराना शुभ माना जाता है और साथ ही दान-दक्षिणा भी करना चाहिए।
सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष पौराणिक महत्व बताया गया है। हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के एक दिन बाद अमावस्या तिथि आती है। साल 2024 की पहली अमावस्या 11 जनवरी को आने वाली है और इस पौष मास की इस अमावस्या को पितरों की शांति के लिए शुभ माना जाता है। पौष मास की अमावस्या तिथि के दिन कालसर्प दोष की पूजा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। इसके अलावा इस अवसर पर चांदी से निर्मित नाग-नागिन की विधिपूर्वक पूजा करना भी शुभ माना जाता है। ऐसा करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है।
पौष अमावस्या का श्राद्ध समय
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पौष अमावस्या के दिन आप पितरों की तृप्ति के लिए 11:00 एएम के बाद से दोपहर 03:00 पीएम के बीच श्राद्ध कर्म कर सकते हैं। इस समय में आप पितरों के लिए वस्त्र, अन्न, फल आदि का दान करें। उनके लिए पिंडदान कर सकते हैं। पंचबलि कर्म करें यानि ब्राह्मण, गाय, कौआ, पक्षी आदि को भोजन कराएं। इन उपायों से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
पितरों के तर्पण व पिंडदान का महत्व
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पौष माह की अमावस्या तिथि पर पितरों की तृप्ति करने के लिए तर्पण और पिंडदान करना चाहिए। ऐसा करने से पितृ दोष से निजात मिलती है और पितरों के आशीर्वाद से घर में खुशहाली बनी रहती है।
दान का महत्व
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पौष अमावस्या की अमावस्या पर 11 जनवरी को दान करना भी शुभ माना जाता है। इस अमावस्या पर गरीब लोगों को मीठे चावल का दान करना चाहिए। इसके अलावा ब्राह्मणों को भोजन कराना शुभ माना जाता है और साथ ही दान-दक्षिणा भी करना चाहिए।