शासकीय कन्या विद्यालय में पूजे गए माता-पिता और गुरुजन,
पूजन से छलक पड़े आंसू
(हर्षोल्लास से हुई मातृ पितृ पूजन दिवस की शुरुआत)
बैतूल। श्रीयोग वेदांत सेवा समिति, बैतूल व महिला उत्थान मंडल के तत्वाधान में जिले के शासकीय व अशासकीय विद्यालयों, मंदिरों, वृद्धाश्रमों, बाल संस्कार केन्द्रों में मातृ-पितृ पूजन दिवस की पूर्ण हर्षोउल्लास से शुरूआत की गई। शनिवार को शासकीय कन्या विद्यालय में प्राचार्य एल एल लिल्होरे, मां शारदा सहायता समिति के शैलेंद्र बिहारिया के मुख्य आतिथ्य एवं श्री योग वेदांत सेवा समिति बैतूल के संरक्षक राजेश मदान की अध्यक्षता में मातृ पितृ पूजन दिवस कार्यक्रम की शुरुआत की गई। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर किया गया। समिति संरक्षक राजेश मदान ने मातृ-पितृ दिवस की प्रस्तावना प्रस्तुत की। तत्पश्चात छात्राओं द्वारा विद्यालय में उपस्थित गुरूजनों को मातृ-पितृ के रूप में तिलक लगाकर व पुष्पमाला पहनाकर और मुंह मीठा करवाके आरती व परिक्रमा की गई और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। इस मौके पर प्राचार्य श्री लिलहोरे जी ने कहा कि हमारी सनातन हिंदू संस्कृति की जड़ें बहुत गहरी है जिस पर आक्रांताओं के प्रहार के बावजूद इसे संतों ने ही सुरक्षित रखा हुआ है। भारत को विश्वगुरू बनाने की दिशा में मातृ-पितृ पूजन दिवस समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।मैं इस आयोजन के लिए समिति का आभार व्यक्त करता हूं। श्री मदान ने कहा कि जो विद्यार्थी माता-पिता का आदर करेंगे वे वेलेन्टाईन डे मनाकर अपना चरित्र भ्रष्ट नहीं कर सकते हैं क्योंकि वेलेंटाइन डे समाज में एक विकृति है।वर्तमान की युवा पीढ़ी अपने माता पिता का अपमान कर उन्हे वृद्धाश्रम भेज रही थी इसीलिए पूज्य संत श्री आशारामजी बापू ने सन 2006 से इस दिवस की शुरुआत की जो आज विश्वव्यापी हो गया है। शैलेंद्र बिहारिया ने माता पिता की महिमा का कविताओं के माध्यम से प्रेरक वर्णन करते हुए कहा कि मातृ-पितृ आयोजन भी हमारी संस्कृति का हिस्सा है, ना की वेलेन्टाईन डे। यह आयोजन बच्चों में माता-पिता व गुरूजनों के प्रति आदर की भावना जाग्रत कर रहा है। श्री मदान ने बताया कि पूरे जिले की सभी शैक्षेणिक संस्थाओं, घर-घर व कॉलोनियों में आज दिनाँक से 14 फरवरी और उसके पश्चात हर्षोल्लास से मातृ-पितृ दिवस मनाया जायेगा।समिति द्वारा मुख्य अतिथियों प्राचार्य श्री लिलहोरे जी के अलावा समस्त छात्राओं व शिक्षकों को मुंह मीठा करवाकर पूज्य संत श्री आशारामजी बापू का सत्साहित्य भेंट किया गया।कार्यक्रम को सफल बनाने में मोहन मदान, एलबी गायकवाड़, श्रीमती रूपा विश्वकर्मा, शोभा चंदेल, संध्या सोनी, अनीता मानकर, प्रवीण परिहार, विद्यालय प्राचार्य एल एल लिलहोरे, शिक्षक एन पी मिश्रा, श्रीमती टीना श्रीवास्तव, मायरानी त्रिवेदी, अर्पणा बाथरी, वीरेंद्र झरबडे, द्वारका पवार, कृष्ण गोपाल बरमासे, सहित अन्य सभी का योगदान सराहनीय रहा। आयोजन में सैकड़ों छात्राएं, शिक्षक व साधक मौजूद थे।श्री मदान ने सभी छात्राओं को माता पिता के पूजन और आदर का संकल्प करवाकर सभी का आभार व्यक्त किया गया।