प्रस्तावित युवा नीति पर सुझाव तैयार करने कार्यशाला आयोजित

बैतुल। मध्य प्रदेश की प्रस्तावित युवा नीति पर जिले से निष्कर्ष एवं सुझाव तैयार करने के लिए गुरूवार 22 दिसंबर को कलेक्टर श्री अमनबीर सिंह बैंस की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में वन मंडलाधिकारी श्री विजयनंथम टीआर एवं सीईओ जिला पंचायत श्री अभिलाष मिश्रा उपस्थित रहे। इस दौरान शिक्षा एवं कौशल, रोजगार एवं उद्यमिता, स्वास्थ्य, युवा नेतृत्व एवं सामाजिक कार्य, जीवन के लिए खेल, मेरा मप्र-मेरा गौरव, कला, साहित्य, संस्कृति,
विरासत और विविधता, संवहनीय पर्यावरण सुरक्षा हेतु जागरूकता तथा समावेशन एवं न्याय संगतता कार्यक्षेत्र के लिए नियुक्त नोडल अधिकारियों द्वारा सुझाव प्रस्तुत किए गए। प्रस्तुत सुझावों में मुख्य रूप से विद्यालयों में स्कूृल क्लीनिक खोले जाने, जहां विद्यार्थियों को शारीरिक, सामाजिक एवं मानसिक विकास हेतु समुचित मार्गदर्शन दिया जाना साथ ही योग का प्रशिक्षण दिया जाना, कृषि आधारित योजनाओं का लाभ लेने के लिए आवश्यक सहूलियतें दिया जाना साथ ही विभिन्न योजनाओं में बैंक ऋण लेते समय मॉडीट्रेशन टाइम का उचित निर्धारण, साथ ही इस अवधि में ऋण लेने वाले को प्रशिक्षण दिया जाना, स्कूल एजुकेशन में शारीरिक, मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जाना, साथ ही घरेलू हिंसा से बचाव के लिए जागरूक किया जाना, जिले में नशामुक्ति एवं दिव्यांग पुनर्वास केन्द्रों की स्थापना, वार्डों में युवाओं की समितियां गठित कर शहरी एवं ग्रामीण प्रबंधन, खेल एवं युवा कल्याण विभाग अंतर्गत खेल संरचनाओं का जीर्णोद्धार एवं रखरखाव साथ ही उनका बेहतर उपयोग, राष्ट्रीय स्तर के खिलाडिय़ों के लिए सहायता कोष स्थापित किया जाना, पर्यटन वाले स्थानों से स्थानीय लोगों को जोडऩा एवं उन्हें रोजगार के अवसर मुहैया कराना, पुरातत्व संग्रहालय एवं शहीद भवन का रखरखाव, जिलों के गजेटियर का अपडेशन, जिला मुख्यालय पर एक डिजीटल लाइब्रेरी की स्थापना, जिसमें डिजीटल लाइब्रेरी, कम्प्यूटर, लेपटॉप एवं वाई-फाई जैसी सुविधाएं उपलब्ध हों, आंगनबाड़ी एवं आशा कार्यकर्ताओं को हेल्थ एवं न्यूट्रीशियन संबंधी प्रशिक्षण दिया जाना, जरूरतमंद व्यक्तियों को नि:शुल्क विधिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए पोर्टल उपलब्ध कराया जाना, अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों को जेईई आईआईटी, नीट के अलावा अन्य सेवाओं के लिए कोचिंग उपलब्ध कराना, संभाग स्तर पर कोचिंग सेंटर खोले जाना जैसे सुझाव प्रमुखता से प्रस्तुत किए गए।
कार्यशाला में जिले में विभिन्न विभागों में पदस्थ 35 वर्ष से कम आयु वर्ग के अधिकारी, विभाग से संबंधित अशासकीय संगठन, एसोसिएशन के सदस्य एवं समाज के विषय से संबंधित बुद्धिजीवी वर्ग सम्मिलित हुए।