रक्तदान के साथ नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ का समापन।
सारणी। स्थानीय गायत्री प्रज्ञापीठ में 11 दिसंबर से जारी नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ का शुक्रवार को विशाल भंडारे के साथ समापन हुआ। इस अवसर पर हजारों नागरिकों ने यज्ञ भगवान को आहुतियां समर्पित की तथा भंडारे में प्रसादी ग्रहण की। यज्ञ में गुरु दीक्षा एवं अन्य संस्कार तथा जिला चिकित्सालय की टीम के सहयोग से रक्तदान शिविर भी आयोजित हुआ
जिसमें गायत्री परिवार कार्यकर्ताओ तथा समाज सेवी बंधुओं ने रक्तदान कर पुण्य लाभ लिया। कुछ परिजनों ने इस महायज्ञ में शराब, तंबाकू आदि बुराईयों को त्याग देने का संकल्प लिया। यज्ञ संचालन टोली प्रमुख धनराज धोटे ने बताया कि सद्बुद्धि के अभाव में सारे साधन व्यर्थ है गायत्री सद्बुध्दि की देवी है। वे श्रेष्ठ चिंतन के रूप में चिंतन और चरित्र की पवित्रता के रूप में भीतर विद्यमान होती है उन्होंने शिक्षक,
आचार्य, गुरु और सद्गुरु के बारे में बताया। मंच आसीन कुमारी दीक्षा धोटे ने दीपमहायज्ञ के दौरान प्रवचन में बताया कि गायत्री प्राणों की रक्षा करती है सदविवेक, सदचिंतन और सदज्ञान देने के साथ-साथ साधकों को प्रज्ञा बुद्धि देती है प्रज्ञा बुद्धि वह बुद्धि है जो कठिन से कठिन परिस्थितियों में हमें विचलित नहीं होने देती । कार्यक्रम में नगर के गणमान्य नागरिक ,वरिष्ठ समाजसेवीगण के अलावा सभी धार्मिक सामाजिक संगठन के जुड़े परिजन, नगर पालिका परिषद, पत्रकार संवाददाता बंधु ,व्यापारी वर्ग गायत्री परिवार के सक्रिय कार्यकर्ता भाई बहनों तथा प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से सहयोग करने वाले सभी भावनाशील नागरिकों के प्रति गायत्री परिवार ट्रस्ट सारणी के सदस्यों ने आभार जताया है।