नवनिर्माण ने हर्षोल्लास के साथ मनाया अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस, श्रीमती मुमताज शेख

RAKESH SONI

नवनिर्माण ने हर्षोल्लास के साथ मनाया अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस, श्रीमती मुमताज शेख

फैला कर तो देखो पंख जरा।। सारा आसमान तुम्हारा है।।
तुम कोशिश तो करो उड़ने की।। यह नील गगन तुम्हारा है, श्रीमती मुमताज शेख ।।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हर्षोल्लास के साथ नवनिर्माण स्वयं सहायता समूह की अध्यक्षा श्रीमती मुमताज शेख ने नगर पालिका परिषद सारणी के मार्गदर्शन में मनाया।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्रीमती सत्यभामा पाटिल, श्री रंजीत डोंगरे, श्रीमती संगीता डेहरिया, श्री निराकार सागर के उपस्थिति में सतपुड़ा के वादीयो में बसे कोल नगरी वार्ड नंबर २९ दुर्गा स्टेज पाथाखेड़ा में 12 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मुख्य नगर पालिका अधिकारी सारणी श्री सी के मेश्राम के मार्गदर्शन में मनाया गया।


सारणी। दुर्गा स्टेज पाथाखेड़ा में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का कार्यक्रम दोपहर दो बजे से देर रात तक चला। इस अवसर पर उपस्थित मातृशक्ति को संबोधन करते हुए श्री रंजीत डोंगरे ने झांसी की रानी लक्ष्मीबाई से लेकर पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभाताई पाटील जैसे विभूतियों का उदाहरण देते हुए, कार्यक्रम में उपस्थित मातृशक्ति का आत्मविश्वास बढ़ाने की पुरजोर कोशिश की, जिस कारण उपस्थित महिलाओं में काफी उत्साह दिखाई दिया।

Contents
नवनिर्माण ने हर्षोल्लास के साथ मनाया अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस, श्रीमती मुमताज शेखफैला कर तो देखो पंख जरा।। सारा आसमान तुम्हारा है।। तुम कोशिश तो करो उड़ने की।। यह नील गगन तुम्हारा है, श्रीमती मुमताज शेख ।।अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हर्षोल्लास के साथ नवनिर्माण स्वयं सहायता समूह की अध्यक्षा श्रीमती मुमताज शेख ने नगर पालिका परिषद सारणी के मार्गदर्शन में मनाया।अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्रीमती सत्यभामा पाटिल, श्री रंजीत डोंगरे, श्रीमती संगीता डेहरिया, श्री निराकार सागर के उपस्थिति में सतपुड़ा के वादीयो में बसे कोल नगरी वार्ड नंबर २९ दुर्गा स्टेज पाथाखेड़ा में 12 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मुख्य नगर पालिका अधिकारी सारणी श्री सी के मेश्राम के मार्गदर्शन में मनाया गया।

जिसमें अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस कार्यक्रम में नवनिर्माण स्वयं सहायता समूह की समस्त महिलाओं के साथ ही विशेष तौर पर सारणी क्षेत्र की बड़े ही हर्ष एवं उत्साह के साथ विभूतियां भारी संख्या में मौजूद थी। श्री रंजीत डोंगरे ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस कार्यक्रम में उपस्थित मातृशक्ति को संबोधित करते हुए कहा कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस अलग-अलग मुद्दों पर प्रकाश डालता है। जिनमें शामिल हैं लैंगिक समानता महिलाओं को पुरुषों के समान अवसर और अधिकार प्राप्त हों। महिला शिक्षित हो और शिक्षा महिलाओं को सशक्त बनाती है, और उन्हें अपने जीवन के लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम बनाती है।

महिलाओं को उचित स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच प्राप्त हो कर, महिलाओं को अपना व्यवसाय शुरू करने और चलाने के लिए प्रोत्साहित करना के लिए कई तरह के उदारन दिए। भारत जैसे देश में, जहां महिलाओं को सदियों से सामाजिक असमानता का सामना करना पड़ा है, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का विशेष महत्व है, यह दिन महिलाओं को अपनी उपलब्धियों का जश्न मनाने और लैंगिक समानता हासिल करने के लिए मिलकर काम करने का अवसर प्रदान करता है। हालांकि, यह जरूरी है कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस सिर्फ एक प्रतीकात्मक समारोह न बनकर, महिला सशक्तिकरण की दिशा में निरंतर प्रयासों में बदल जाए। समाजिक हित में महिलाओं को शिक्षित करने, महिलाओ को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और महिलाओ के अधिकारों की रक्षा करने के लिए निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए। आगे श्री रंजीत डोंगरे ने कहा महिलाएं अलग-अलग क्षेत्रों में सराहनीय उपलब्धियां हासिल कर रही हैं। कुछ भारतीय महिलाओं ने विज्ञान, कला, साहित्य, खेल और राजनीति जैसे अलग-अलग क्षेत्रों में सराहनीय उपलब्धियां हासिल की है, और कर रही हैं। इन महिलाओं की सफलता अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं, और दिखाती हैं कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में सफल हो सकती हैं। महिलाओं को समाज में उनकी अहमियत को समझाने के लिए इस दिन पर कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इन कार्यक्रमों में अलग-अलग विषयों पर चर्चाएं, कविता पाठ, नाटक, और समारोह आयोजित किए जाते हैं। इन सभी कार्यक्रमों का खास मकसद महिलाओं के अधिकारों और समाज में उनकी स्थिति के महत्व को जागरूक करना है।
नवनिर्माण अध्यक्ष श्रीमती मुमताज शेख ने कहा कि भारत सावित्रीबाई फुले के साथ पहली मुस्लिम महिला शिक्षिका फातिमा शेख, जिन्होंने महिलाओं को पढ़ाने के लिए अहम कदम उठाए थे। श्री निराकार सागर ने अपने संबोधन में कहा कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हमें याद दिलाता है, कि लैंगिक समानता हासिल करना एक सतत प्रक्रिया है। महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए पुरुषों और महिलाओं दोनों को मिलकर काम करना होगा। तभी हम एक ऐसा समाज बना पाएंगे, जहां महिलाओं और पुरुषों को समान अवसर और सम्मान प्राप्त हो सके।
महिलाओं ने समाज को विकसित बनाने में अहम भूमिका निभाई है। वे घरेलू कामों के अलावा समाज के साथ-साथ अलग-अलग क्षेत्रों में भी अपने कौशल का प्रदर्शन करती हैं। उनका योगदान शिक्षा, सेवा, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और कई अन्य क्षेत्रों में बेहद खास तौर पर याद किया जाता है। वही श्रीमती मुमताज शेख ने कहा कि कांग्रेस ने साल 1910 में महिला दिवस के अंतर्राष्ट्रीय स्‍वरूप और इस दिन पब्लिक हॉलीडे को सहमति दी। तत्पश्चात 19 मार्च, 1911 को पहला अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस ऑस्ट्रिया, डेनमार्क और जर्मनी में आयोजित किया गया। हालांकि महिला दिवस की तारीख को साल 1921 में बदलकर 8 मार्च कर दिया गया। तब से महिला दिवस पूरी दुनिया में 8 मार्च को ही मनाया जाता है। इस वर्ष 8 मार्च को महाशिवरात्रि होने के कारण दिनांक 12 मार्च को बड़े ही हर्ष उल्लास के साथ हॉस्पिटल कॉलोनी पाथाखेड़ा में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई महान विभूतियां जिसमें श्रीमती सत्या भामा पाटिल, श्रीमती संगीता डेहरिया, श्रीमती बीना पाटिल, श्रीमती अरुणा भूमरकर, श्रीमती करुणा बेले, श्रीमती प्रियंका साहू, श्रीमती बिंदु कापसे, सुश्री पेटरिशा इसाक, श्रीमती पुष्पा कुमारी शर्मा, श्रीमती पूनम शुक्ला, श्रीमती ममता मालवीय, श्रीमती भानु कापसे, श्रीमती अंजलि मालवी, श्रीमती रेखा सोनारे, श्रीमती साकरे मैडम, श्रीमती ज्योति सिंह, श्रीमती स्वरूपरानी, श्रीमती मीना राय, श्रीमती ममता गोहे, श्रीमती भारती बामने, श्रीमती माधवी खडसे, श्रीमती सुमन मार्सकोल, श्रीमती बाली सरेयाम, ममता, सिम्यया, रजनी नरवरे, श्रीमती रुक्मणि, सोनू, पिंकी विश्वकर्मा, श्रीमती प्राची खोबरागड़े, श्रीमती रेखा यादव के साथ ही भारी संख्या में महिलाऐ एवं गनमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

Advertisements
Advertisements
Advertisements
Advertisements
Advertisements
Advertisements
Share This Article
error: Content is protected !!