हत्या के आरोपी को आजीवन कारावास की सजा और दो हजार के अर्थदंड से दंडित किया

RAKESH SONI

हत्या के आरोपी को आजीवन कारावास की सजा और दो हजार के अर्थदंड से दंडित किया।

बैतुल। माननीय न्यायालय विशेष न्यायाधीश अजा और अ जा (अत्याचार निवारण 1989) बैतूल द्वारा ग्राम जिनवानिया हेमन्त पिता राधाकिशन मालवी जाति बढ़ई को धारा 450 में दोषी पाये जाने पर 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1.000 रूपये का अर्थदंड धारा 394 सह 397 IPC में 10 वर्ष का सश्रम कारावास 1,000 रूपये का अर्थदंड एवं धारा 302 IPC में दोषी पाए जाने पर आजीवन कारावास और 2,000 रूपये का अर्थदंड दिया गया। शासन की ओर से पीडित पक्ष को विशेष लोक अभियोजक शशीकान्त नागले एवं सहायक जिला अभियोजन अधिकारी अमीत राय द्वारा पैरवी में सहयोग प्रदान किया गया ।

घटना का संक्षिप्त विवरण :-मृतिका ग्राम देवठान में निवास करती थी। घटना के दिन आरोपी ग्राम देवठान थाना चिचोली में गोपाल के यहा लकड़ी का काम कर रहा था तभी दोपहर में खाना खाने जा रहा था, तभी मृतिका उसके घर में अकेले दिखी तो तभी आरोपी घर में घुस गया और आरोपी ने मृतिका के गले एवं सिर के पास कुदाली मार दी और उसके पैर में पहना चादी का कडा सबल से निकाल दिया। आरोपी ने मृतिका की हत्या कर दी आरोपी पीछे के दरवाजे से भाग गया आरोपी को भागते हुए मृतिका की देवरानी ने देख लिया उसके बाद मृतिका के घर के अंदर देवरानी गयी तब उसने मृतिका को मृत अवस्था में देखा गांव के अन्य लोगों ने भी आरोपी हेमन्त को भागते हुए देखा था। दिनांक 12/09/2019 को आरोपी मृतिका के घर के पीछे बाडी से भागते हुए दिखा था. आरोपी ने लोहे की सब्बल और कुदाली से घर में घुसकर उसकी हत्या कर दी और पैर से चांदी की तोडी निकाल दी अनुसंधान के दौरान आरोपी ने नाले के पास पत्थर के निचे मृतिका की एक चादी की कडी जप्त करायी थी। जप्तशुदा कुदाली से मारपीट करने से मौत होना संभव बताया है। भौतिक साक्ष्यों के आधार पर एवं चक्षुदर्शी साक्षियों के आधार पर आवश्यक विवेचना उपरान्त आरोपी के विरूद्ध अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत अभियोजन ने अपना मामला युक्ति युक्त संदेह से परे प्रमाणित किया। फलस्वरूप न्यायालय ने धारा 450, 394, 397 302 में आरोपी को दंडित किया। अभियोजन की और से विशेष लोक अभियोजक श्री शशीकान्त नागले ने विधि अनुसार अधिकतम दण्डादेश से दंडित किये जाने का अनुरोध किया। फलस्वरूप आरोपी को हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया।

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