जल आवर्धन योजना के पाइप लाइन विस्तार कार्य के क्रियान्वयन में नगरपालिका एवं ठेकेदार की लापरवाही को लेकर सौंपा ज्ञापन।
सारणी। 10 साल में भी पूरी नहीं हुई जल आवर्धन योजना पाइप बिछाकर सड़क पर ही छोड़ रहे मालवा शहर की सबसे बड़ी समस्या है पेयजल गर्मियों के मौसम में ही नहीं साल के 12 महीने शहर में पेयजल की किल्लत बनी रहती है शहर की प्यास बुझाने में वर्ष 2012 मे प्रशासकीय स्वीकृति मिली प्रशासकीय स्वीकृति के अनुसार योजना 3 साल में पूरी हो जानी थी लेकिन विभागीय लेटलतीफी का आलम यह है कि काम ही 2 साल बाद शुरू हो पाया 10 साल हो चुके लेकिन काम अभी तक पूरा नहीं हो पाया काम बेहद धीमी गति से अटक अटक कर चल रहा है ठेकेदार द्वारा कार्य भी बेहद लापरवाही से कराया जा रहा है नगर पालिका परिषद सारणी में जल आवर्धन योजना में जो ठेकेदार द्वारा पाइपलाइन विस्तार के कार्य के क्रियान्वयन में ठेकेदार द्वारा भारी लापरवाही की जा रही है जिससे जानमाल का खतरा भी हो रहा है नगर पालिका सारणी के वार्ड क्रमांक 17 में बिछाई जा रही पाइप लाइन के गड्ढे में आए दिन कोई ना कोई हादसा रोजाना होते जा रहा है कल दिनांक 21 12:22को वार्ड नंबर 23 के पार्षद अनीता वेलवंसी का सुपुत्र उस पाइप लाइन के गड्ढे में गिर गया जिससे उसका सिर पर गंभीर चोट आई है इससे पहले भी कई लोग इस खोदे गए गड्ढे में गिरे हैं और कई गायों की भी गिरने से मौत हो गई है ठेकेदार द्वारा गली-गली में हर जगह गड्ढे बनाकर छोड़ दिया गया है उसका कार्य पूर्ण करने के बाद भी वह गड्ढे नहीं भरे गए इस लापरवाही से आम जनता काफी परेशान है और आए दिन बड़ी दुर्घटना घटती जा रही है महोदय जी इस प्रकार की लापरवाही पर ठेकेदार पर उचित कार्रवाई करने की कृपा करें ताकि आम जनता को इस प्रकार की कोई भी आगामी दुर्घटना ना हो सके शहर में जारी पाइप लाइन डालने के कार्य में डाले गए पाइप की लेवलिंग नहीं की गई अनुपात के अनुसार पाइप लाइन नहीं डाली गई है सही मापदंड के अनुसार लेवलिंग बेहद जरूरी कार्य होना था परंतु बिना किसी इंजीनियर की उपस्थिति में जैसे-तैसे पाइप डालकर कार्य को अंजाम दिया जा रहा है ठेकेदार द्वारा शहर भर में पाइप डालने के लिए खोदे स्थान को वैसा ही छोड़ दिया है ठेकेदार द्वारा कार्य में भारी अनियमितताएं पाई जा रही है पाइप लाइन भूमि में खोद कर डालने के बाद पाइप में पानी डालकर हाइड्रो टेस्ट किए जाना था परंतु शहर में एक भी स्थान पर हाइड्रो टेस्ट नहीं किया गया है इस टेस्ट के द्वारा कुछ दूरी तक पाइप डालकर पानी भर का प्रेशर टेस्ट किया जाता है ताकि पाइप से पानी लीक तो नहीं है यदि बाद में सीमेंट मिट्टी से भर देने के बाद लीकेज सामने आता है तो बाद में बड़ी परेशानी होने की संभावना होती है परंतु ठेकेदार द्वारा ऐसे नहीं किया गया है विस्तार के रेस्टोरेशन में भी अनियमितताएं देखी जा रही है पाइप डालने के बाद मिट्टी नहीं डाली जानी चाहिए क्योंकि बाद में मिट्टी बैठ जाती है तो पाइप डालने के बाद डालनी चाहिए हाइड्रो टेस्ट के बाद सीमेंट का कार्य किया जाना चाहिए था लेकिन नहीं किया गया जो गलत है क्योंकि जहां सीमेंट और काजोल है वहां गड्ढा हो जाएगा इस ओर ध्यान नहीं दिया गया और ना ही ध्यान रखा गया जबकि सीमेंट काम करने की पूर्व करना चाहिए उसके बाद बिटि या सीमेंट कंक्रीट करना चाहिए था ऐसा ना करते हुए कई स्थानों पर अनियमितता की गई है