मध्यप्रदेश सरकार का बिजली पेंशनर्स के साथ सौतेला व्यवहार। पुरानी पेंशन बहाल करने के लिए फोरम प्रतिबद्ध :- परिहार
सारनी। मध्यप्रदेश के विद्युत पेंशनर्रो के साथ सरकार दोहरा रवैया अपना रही है। पेन्शन की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए यूनाइटेड फोरम लगातार शासन से पत्राचार और समय समय पर आंदोलन कर ध्यान आकर्षित करने का प्रयास करता रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से फोरम ने लगातार चर्चा के लिए समय मांगा लेकिन, मुख्यमंत्री से आज तक यूनाइटेड फोरम से बात नही की। फोरम के प्रांतीय अध्यक्ष व्ही के एस परिहार ने बताया कि भारतीय विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 133(2) के प्रावधान के तहत समस्त कार्मिकों की जिम्मेदारी सरकार और कंपनी की है। मध्यप्रदेश बिजली विभाग के 52 हजार पेंशनर्स और वर्तमान में कार्यरत बोर्ड के 15 हजार और अधिकारी कर्मचारियों की पेंशन की जिम्मेदारी सरकार की है। सरकार नियामक आयोग के आदेश का भी पालन नही कर रही है। सरकार को पेंशन फंड बनाना चाहिए जो आज तक नही बना है। श्री परिहार ने मांग की है कि उत्तर प्रदेश सरकार अपने विद्युत कार्मिकों को ट्रेजरी से पेन्शन दे सकती है तो मध्यप्रदेश शासन कयों नही दे सकती है। सरकार को पेंशनर्स के हित में निर्यात लेना चाहिए।सरकार बिजली विभाग के पेंशनर्स की मांग को अनदेखा कर रही है। दिनांक 10 सितंबर 2023 को भोपाल में गोविंदपुरा में विशाल धरना प्रदर्शन में प्रदेश के लगभग 10 हजार पेंशनर्स, वरिष्ठ जन रैली में उपस्थित हुए। माननीय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को निवास पर पेंशन की सुनिश्चित व्यवस्था हेतु ज्ञापन दिया गया। श्री परिहार ने कहा पुरानी पेंशन बहाल कर ने के लिए फोरम प्रयासरत है। मध्यप्रदेश यूनाइटेड फोरम उत्पादन क्षेत्र सारनी के प्रचार सचिव अंबादास सूने ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार की तरह पेंशन ट्रेजरी से देने की मांग पर फोरम अटल है। बैतूल, ग्वालियर,इंदौर,जबलपुर,नर्मदापुरम, विदिशा, रायसेन, नरसिंहपुर,बालाघाट,भोपाल, छिंदवाड़ा सहित अन्य जिलों से पेंशनर्स भोपाल कार्यक्रम में उपस्थित हुए। कार्यक्रम का संचालन आर एस कुशवाह और प्रभुनारायण नेमा ने किया। इस अवसर पर सुशील शर्मा,एल एस चौहान,के क मनवारे , के के अग्रवाल,आर डी पटले,अनुराग नायक, लोकेंद्र श्रीवास्तव,एस के पचौरी,पी आर साहू,अशोक गुप्ता सहित अनेक क्षेत्रीय अधिकारी, पेंशनर्स उपस्थित थे।