लखन के साथ में देखो अवध में राम आए हैं… नगर पालिका परिषद सारनी के आनंद उत्सव में कवि सम्मेलन बही राम रस की धारा

RAKESH SONI

लखन के साथ में देखो अवध में राम आए हैं…

नगर पालिका परिषद सारनी के आनंद उत्सव में कवि सम्मेलन बही राम रस की धारा


सारनी। श्री मठारदेव बाबा मेले में आनंद उत्सव के तहत अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन शुक्रवार रात 8 बजे से किया गया। देश के ख्यातिनाम कवियों ने मंच से उत्कृष्ट कविता पाठ किया। मुकेश शांडिल्य और दीपक दनादन ने श्रोताओं को खूब गुदगुदाया। माधुरी किरण के गीतों पर श्रोता झूमे। धर्मेंद्र सोलंकी ने भी एक से बढ़कर एक गीत सुनाए।


कवि सम्मेलन की शुरुआत शुक्रवार 19 जनवरी शाम 7.30 बजे सरस्वती पूजा के साथ हुई। बैतूल हरदा हरसूद सांसद दुर्गादास उइके, विधायक आमला सारनी डा. योगेश पंडाग्रे, नगर पालिका अध्यक्ष किशोर बरदे, उपाध्यक्ष जगदीश पवार, पार्षदगण, मुख्य नगर पालिका अधिकारी सीके मेश्राम, भाजपा जिला महामंत्री कमलेश सिंह, सुधाकर पवार, चंद्रा समेत अन्य जनप्रतिनिधिगण की मौजूदगी में किया गया। सभी कवियों का स्वागत एवं सम्मान नगर पालिका परिषद सारनी द्वारा किया गया। I कवियत्री माधुरी किरण ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। इसके बाद कवियों ने एक से बढ़कर एक रचनाओं की प्रस्तुति दे कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। पूर्व सांसद एवं राष्ट्रीय कवि ओमपाल सिंह निडर ने भगवान राम के चरित्र पर उत्कृष्ट रचनाएं सुनाई। उनके द्वारा प्रस्तुत कविता पूछा जब राम जी से भोजन बना है कैसा,भीलनी के बेरों का बखान करने लगे को श्रोताओं ने खूब पसंद किया। मुकेश शांडिल्य ने
बड़ी लंबी लड़ाई के सुखद परिणाम आए हैं
बना है भव्य मंदिर भी हमें पैगाम आए हैं
चलो खुशियां मनाएं हम जलाएं दीप द्वारों पर
लखन के साथ में देखो अवध में राम आए हैं
प्रस्तुत की। इसके बाद मंच राममय हो गया। माधुरी किरण बालाघाट द्वारा कहीं आग़ाज़ चलता है कहीं अंजाम चलता है
हमारी धडकनों से धडकनों का काम चलता है
यकीं न हो तो पढ़ करके किसी दिन देख लो तुम भी
मोहब्बत की किताबों में हमारा नाम चलता है।
दीपक दनादन द्वारा बचपन में थी चड्डी ढीली, चड्डी पकड़ कबड्डी खेली
सब हमको हम चड्डी पकड़ें, फिर भी लाइन पार दनादन।
अब तो नाड़ा चड्डी में है, अपनी खुशी कबड्डी में है की प्रस्तुति दी। इस पर श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए। धर्मेन्द्र सोलंकी, गीतकार, भोपाल ने उगो दिन से, नहीं ढलती हुई तुम शाम हो जाओ
नहीं मैखाने वाला तुम छलकता जाम हो जाओ
अभी भगवान का अवतार तो मुमकिन नहीं लोगों
उठो तुम ही किसी रावण की खातिर राम हो जाओ। रचना सुनाकर श्रोताओं को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। प्रो.ओमपाल सिंह निडर ने फीरोजाबाद, उत्तर प्रदेश, हर एक व्यंजन, बना था ऐसा रुचिकर, भूरि भूरि सभी गुणगान करने लगे।
पूछा जब रामजी से, भोजन बना है कैसा?भीलनी के बेरों का, बखान करने लगे।” प्रस्तुत की। कवि सम्मेलन रात 1 बजे तक चला। आखिर में अतिथियों द्वारा आयोजित कवि सम्मेलन के कवियों का स्मृति चिन्ह कर सम्मान किया।
“लंका विजय के बाद, अवध में भोज हुआ; सारे प्राणी मिल, खान पान करने लगे।
जामवंत, सुग्रीव, अंगद व नल नील, रामजी के साथ हनुमान करने लगे। कवि सम्मेलन में काफी संख्या में श्रोता उपस्थित थे।

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