बिजली विभाग में बिना शर्त अनुकंपा नियुक्ती देने के लिए ऊर्जा मंत्री को लिखा पत्र।

बैतूल। मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड में आज 10 अप्रैल 2012 के बाद निधन हुए कार्मिकों के आश्रित को अनुकंपा नियुक्ती दी जा रही है। विद्युत मंडल कर्मचारी यूनियन लगातार पत्राचार कर बिजली विभाग में 1997 से 2012 के पहले के प्रकरण पर सरकार सहानुभूतिपूर्वक विचार कर बिना शर्त अनुकंपा नियुक्ती देने की मांग कर रही है। सन 1993 से 2003 के कांग्रेस शासन काल में मध्यप्रदेश विद्युत मंडल की आर्थिक स्थिती को आधार बनाकर अनुकंपा नियुक्ती पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। 2003 में सरकार बदली तो अनुकंपा नीति में बदलाव कर देने से आश्रित परिवार के सदस्य भटक रहे हैं। विद्युत मंडल कर्मचारी यूनियन के क्षेत्रीय महामन्त्री अंबादास सूने ने बताया कि समय समय पर बिना शर्त अनुकंपा नियुक्ती के लिए पत्र लिखकर मांग की गई, लेकिन सरकार और प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। हाल ही एक पत्र प्रद्युम्न सिंह तोमर ऊर्जा मंत्री, शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री को लिख कर मांग की गई है कि वर्ष 1997 से लेकर 10 अप्रैल 2012 के मध्य सारनी के 284 प्रकरण है जिसके कारण आश्रित परिवार के सदस्य दर दर की ठोकर खा रहे हैं। जो कर्मचारी बिजली विभाग में जोखिम भरी सेवा कर बिजली का उत्पादन करते हैं। एक बटन दबाया तो लाइट बंद और चालू हो जाती है। प्रदेश को उजाला देने वाले बिजली विभाग के आश्रित अनुकंपा आस लगाये बैठे हैं। कभी तो जिंदगी का अंधेरा दूर होगा। पूरे मध्यप्रदेश की बात करे तो लगभग 5 हजार सभी कंपनियों के प्रकरण हैं। संवेदनशील मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बिजली विभाग के आश्रित परिवार को आशा है कि 20 वर्ष से अधिक समय बीत गया है,अब तो बिना शर्त अनुकंपा नियुक्ती देकर प्रदेश के युवाओ को रोजगार उपलब्ध कराए। संगठन अनुकंपा नियुक्ती प्रकरण पर सरकार से सहानुभूतिपूर्वक विचार करने की माँग करती है। ऊर्जा मंत्री के नाम पत्र आमला सारनी विधायक डॉक्टर योगेश पंडाग्रे को बैतूल में सौंपकर चर्चा की गई। इस अवसर पर अनेक आश्रित परिवार के सदस्य भी उपस्थित थे।