जन्मपत्रिका में सूर्य का प्रभाव जानते है सूर्य के दान की वस्तुएं डॉ सुमित्राजी से 

RAKESH SONI

जन्मपत्रिका में सूर्य का प्रभाव जानते है सूर्य के दान की वस्तुएं डॉ सुमित्राजी से 

सेलिब्रिटी वास्तु शास्त्री डॉ सुमित्रा अग्रवाल

सिटी प्रेसीडेंट इंटरनेशनल वास्तु अकादमी 

कोलकाता। सूर्य का खगोल विज्ञानं और ज्योतिष दोनों में महत्वपूर्ण स्थान है। 

  सूर्य सौर मंडल का केंद्र है। पृथ्वी से इसकी औसत दूरी १४ ,९६ ,०० ,००० किलोमीटर है। यह हर साल जनवरी में पृथ्वी के सबसे करीब होता है जब यह १४ ,७१ ,०३ ,००० किलोमीटर होता है और जुलाई में सबसे दूर होता है जब पृथ्वी से इसकी दूरी १५ ,२१ ,०६ ,००० किलोमीटर होती है। इसका व्यास १३ ,९२ ,००० किलोमीटर है जो की पृथ्वी के व्यास का १०९ .३ गुना है।  

राशि चक्र में सूर्य का औसत घूर्णन प्रति दिन १ ° है और इसलिए इसे राशि चक्र की परिक्रमा करने में ठीक एक वर्ष लगता है।

सूर्य आत्मा का प्रतीक है। इसे कालपुरुष की आत्मा माना जाता है। सूर्य को सभी ग्रहों का राजा माना जाता है। संभवतः रविवार को सभी जगह अवकाश के रूप में रखा जाता है ताकि लोग रविवार के दिन सूर्य की उपासना कर सकें। सूर्य अपने चार मुखों के साथ भगवान ब्रह्मा का प्रतिनिधित्व करता है जिससे चार मौसम और चार तत्व (अग्नि, वायु, पृथ्वी, जल) उत्पन्न होते हैं। सूर्य हमें प्रतिरोध और जीवन शक्ति प्रदान करता है। यह हमारी चेतना पर शासन करता है। यह हमें बल और इच्छा शक्ति देता है और एक दृढ़ और निर्णायक बनाता है।

सूर्य जातक के पिता, राजाओं, सरकार और अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करता है।

सूर्य उष्ण, शुष्क, पौरुष और सकारात्मक ग्रह है। वह प्रकृति में आग और तेज के देवता हैं। रवि पूर्व दिशा के स्वामी हैं और ‘ग्रिशमा’ ऋतु (जून-जुलाई) को नियंत्रित करते हैं। उसका रंग नारंगी है।जब सूर्य लाभकारी होता है तो यह साहस, कमांडिंग क्षमता, प्रसिद्धि, पद, गरिमा, जीवन शक्ति, ऊर्जा, खुशी, शाही उपस्थिति, आशावाद, शक्ति, सफलता, अच्छा स्वास्थ्य, गर्मी, स्नेह, अच्छा स्वभाव, बड़ों का सम्मान, सरकार से सम्मान देता है। संपत्ति भी देता है। 

सूर्य के पीड़ित होने पर यह जातक को अहंकारी, नीच, घमंडी, चिड़चिड़ा, ईर्ष्यालु, ढुलमुल स्वभाव, क्रोधी, अभिमानी, अनैतिक बनाता है।

सूर्य जातक को शहद के रंग की आंखें और बड़ा व गोल चेहरा देता है। यह शरीर के रंग और बालों को छाया में हल्का कर देता है और एक पित्त स्वभाव देता है। 

सूर्य द्वारा शासित शरीर के अंग –

हृदय, सिर, मस्तिष्क, पुरुषों में दाहिनी आंख और महिलाओं में बाईं आंख, हड्डियाँ, प्लीहा, गला, फेफड़े, धमनियां, रक्त और उसका परिसंचरण। 

सूर्य से जुड़े रोग –

सूर्य द्वारा संकेतित रोग हृदय की समस्याएं, वाचाघात, पॉलीपस, नेत्र रोग, तेज बुखार, गंजापन, कम खून, मिर्गी, सेरेब्रल मेनिनजाइटिस और सनस्ट्रोक हैं।

सूर्य और उत्पाद-

सूर्य द्वारा प्रस्तुत उत्पादों में चावल, मूंगफली, नारियल, हरड़, गेहूं, लैवेंडर, केसर, गुड़, तीखे स्वाद का रस, संतरा, इलायची, जहर, लॉरेल, वर्मिन, देवदार, गेंदा, फली आदि शामिल हैं।

सूर्य का रत्न और धारण –

सूर्य नक्षत्र में माणिक्य की अंगूठी तांबे में या सोने की अनामिका उंगली में।

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