सावन का पहला सोमवार जानते है वास्तु शास्त्री सुमित्रा से सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के बारे में। 

RAKESH SONI

सावन का पहला सोमवार जानते है वास्तु शास्त्री सुमित्रा से सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के बारे में। 

कोलकाता। सावन मास को हिंदू धर्म में सबसे पवित्र महीना माना गया है और भगवान शिव की पूजा के लिए इसका विशेष महत्व होता है। सावन के सोमवार शिवजी की कृपा का लाभ पाने के लिए सबसे शुभफलदायी माना जाता है। सावन का पहला सोमवार १० जुलाई को पड़ेगा और आखिर सोमवार २८ अगस्त को रहेगा। इस बार सावन मास ४ जुलाई से आरंभ होकर ३१ अगस्त को समाप्त होगा। अधिक मास के कारण इस बार सावन ५९ दिन का रहेगा। 

सावन में सोमवार का महत्व 

इस साल सावन और अधिक मास साथ में पड़ना अद्भुत संयोग माना जा रहा है। अधिक मास के स्वामी भगवान विष्णु माने गए हैं। इसलिए इस बार सावन में भगवान शिव के साथ ही विष्णुजी की पूजा करने से उनकी भी कृपा प्राप्त होगी। 

 

कब-कब हैं सोमवार 

पहला : १० जुलाई

दूसरा : १७ जुलाई

तीसरा: २४ जुलाई

चौथा : ३१ जुलाई

पांचवां : ७ अगस्त

छठवां : १४ अगस्त

सातवां : २१ अगस्त

आठवां : २८ अगस्त

पहला ज्योतिर्लिंग है सोमनाथ 

भगवान शिव के मंदिरों में १२ ज्योतिर्लिंग की पूजा का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है। देश के १२ प्रमुख ज्योतिर्लिंग में सोमनाथ मंदिर में स्थित शिवलिंग को पहला ज्योतिर्लिंग माना जाता है, जो कि गुजरात के काठियावाड़ क्षेत्र में समुद्र के किनारे स्थित है। महादेव के इस पावन धाम के बारे में मान्यता है कि यह हर काल पर यहीं मौजूद रहते हैं। 

चंद्र देवता ने की है स्थापना 

भगवान सोमनाथ मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथा के अनुसार एक बार राजा दक्ष प्रजापति ने चंद्र देव के प्रकाश को कम हो जाने का श्राप दे दिया। चंद्र देवता इस श्राप से मुक्ति का उपाय पूछने के लिए ब्रह्मा जी के पास गए तो उन्होंने समुद्र तट पर शिव साधना का उपाय बताया। मान्यता है कि चंद्र देव की कठिन तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें वरदान दिया कि मास के कृष्ण पक्ष में उनका प्रकाश धीरे-धीरे कम होगा लेकिन शुक्ल पक्ष में धीरे-धीरे एक बार फिर बढ़ता चला जाएगा। इसके बाद चंद्र देवता समुद्र तट पर भगवान सोमनाथ की प्रतिष्ठा करके उनकी साधना-आराधना की। 

 

सोमनाथ ज्योतिर्लिंग की पूजा का फल 

समुद्र तट पर स्थित सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के बारे में मान्यता है कि यहां पर विधि-विधान से भगवान शिव का पूजन, रुद्राभिषेक आदि करने पर शिव भक्त के सभी संकट और पाप दूर हो जाते हैं और पुण्य फल की प्राप्ति होती है। यहां पर सच्चे मन से शिव साधना करने वाले भक्त की महादेव पलक झपकते सभी मनोकामना पूरी कर देते हैं और जीवन में कभी किसी चीज की कोई कमी नहीं होती है।

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