Kavi sammelan। घाव तन मन पर लहर के बिन रहने दो, जिंदगी की शर्त है बहते रहो बहते रहो

RAKESH SONI

Kavi sammelan। घाव तन मन पर लहर के बिन रहने दो, जिंदगी की शर्त है बहते रहो बहते रहो

बाबा मठारदेव के मेले में आनंद उत्सव के तहत अखिल भारतीय हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन, देर रात तक कवियों ने श्रोताओं को गुदगुदाया।

सारनी। बाबा मठारदेव के मेले में शनिवार 18 जनवरी शाम को अखिल भारतीय हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें कवियों ने एक से बढ़कर एक रचनाएं सुनाई। कानपुर से आए हास्य कवि हेमंत पांडे ने अपनी रचनाएं सुनकर श्रोताओं को खूब गुदगुदाया। डॉ राजीव राज 

गीतकार इटावा ने

जो कभी पल भर न रुकती वो समय की धार है 

आदि से इस धार में ही बह रहा संसार है।

जाल में फँसते भँवर के 

डूबते साथी सफ़र के 

घाव तन मन पर लहर के बिन गिने सहते रहो

ज़िंदगी की शर्त है बहते रहो बहते रहो। रचना सुनकर खूब तालियां बंटोरी। धार से आय कवि संदीप शर्मा ने एक धर्म जो पूजे बंदर ,भालू , कछवे मछली को , 

एक धर्म जो नंदी पूजे गायों को माता माने ,

एक धर्म जो तुलसी पूजे नदियों को त्राता माने ,

नहीं हिलाना वृक्ष की बेटा साँझ को सृष्टि सोती है,

पूजा करो भूमि की इस से बढ़िया वृष्टि होती है,

चींटी को आटा डाले कौवो को ग्रास खिलाते है ,

अरे श्राद्ध का हिस्सा हम कुत्ते तक को दे आते है ,

अरे त्याग का रंग राष्ट्र कलंकी नहीं हो सकता ,

कुछ भी हो जाए भगवा आतंकी नहीं हो सकता। कविता सुनाकर पूरे पंडाल को गुंजायमान कर दिया।

देवास से आए कवि संचालक शशिकांत यादव शशि ने तोला से मन भर तोला है 

पारा पानी मे घोला है 

सब कीड़े बाहर निकले है 

चुटकी भर तो सच बोला है। कविता सुनाकर माहौल गर्म कर दिया। इस दौरान डॉ प्रवीण शुक्ल, कवियत्री शिवांगी शर्मा ने भी अपनी श्रृंगार रस की रचनाएं सुनाई। इससे पहले कार्यक्रम का शुभारंभ नगर पालिका अध्यक्ष किशोर बरदे, उपाध्यक्ष जगदीश पवार व समस्त पार्षदगणों एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी सीके मेश्राम की उपस्थिति में किया गया। कवि सम्मेलन में काफी संख्या में आम नागरिक समेत अन्य लोग उपस्थित थे।

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