कजरी महोत्सव एवं महिंदर मिसिर स्मृति समारोह 25 से
पाथाखेड़ा के ऑफिसर क्लब में होगा आयोजन
सारनी। मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग द्वारा दो दिवसीय कजरी महोत्सव एवं महिंदर मिसिर समारोह का आयोजन 25 जुलाई को ऑफिसर क्लब पाथाखेड़ा में किया जाएगा। भोजपुरी साहित्य अकादमी मध्यप्रदेश के संयोजन में आयोजित इस कार्यक्रम में कई ख्याति प्राप्त कलाकर एवं लोककला समीक्षक पाथाखेड़ा आएंगे। जानकारी देते हुए कजरी महोत्सव के स्थानीय समन्वयक कमलेश सिंह ने बताया कि दो दिवसीय कजरी महोत्सव एवं महिंदर मिसिर स्मृति समारोह सांसद दुर्गादास जी उइके एवं विधायक डॉ योगेश पण्डागरे के आतिथ्य में सम्पन्न होगा। कार्यक्रम के पहले दिन कलकता की लोक गायिका अंजना नाथ द्वारा कजरी गीतों की प्रस्तुति दी जाएगी। इसी दिन सिवान के लोक कला समीक्षक अकेला भाई द्वारा कजरी एवं नारी शक्ति विषय पर व्याख्यान दिया जाएगा। दूसरे दिन भोपाल के कलाकार सूर्यप्रकाश श्रीवास्तव द्वारा महेंदर मिसिर की रचनाओं की संगीतमय प्रस्तुति दी जाएगी।
भोजपुरी एकता मंच के अध्यक्ष रणजीत सिंह ने बताया कि प्रति वर्ष पाथाखेड़ा में संस्कृति विभाग एवं भोजपुरी साहित्य अकादमी के सहयोग से कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। कोरोना की वजह से 2 साल से आयोजन नही हो पा रहा था। विधायक डॉ पण्डागरे के प्रयास से फिर से प्रारंभ हुआ है। भोजपुरी एकता मंच पाथाखेड़ा के संरक्षक अवधेश सिंह ने सभी भोजपुरी भाषियों एवं लोककला प्रेमियों से कार्यक्रम में उपस्थित होकर आयोजन को सफल बनाने की अपील की है। उन्होंने बताया कि आयोजन की तैयारियों हेतु एक बैठक जल्द ही आयेजित की जाएगी।
क्या है कजरी और कौन थे महिंदर मिसिर
कजरी उतर भारत की एक प्राचीन लोक विधा है। कजरी गायन को भगवान श्री कृष्ण की प्रेम लीलाओं से भी जोड़ा गया है।इसके साथ ही भगवान शिव एवं पार्वती के प्रसंग भी इस विधा से जुड़े हैं। इसके अलावा कजरी को वर्षाकाल में गाया जाने वाला ऋतु गीत की भी संज्ञा दी गई है। इसी प्रकार से पूर्वांचल के रहने वाले महिंदर मिसिर भोजपुरी रचनाकार के साथ एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्होंने कई अमर गीतों की रचना की है। भोजपुरी के सभी कलाकार आज भी उनके रचे गीत गाते हैं। भोजपुरी लोक जगत में महिंदर मिसिर का नाम बड़े आदर के साथ लिया जाता है।