विडम्बना- दोस्त के भरोसे मुम्बई से बैतूल छोड़ गए पैरालिसिस मरीज परिजन रखने को नहीं तैयार, अस्पताल में उपचार जारी

RAKESH SONI

विडम्बना- दोस्त के भरोसे मुम्बई से बैतूल छोड़ गए पैरालिसिस मरीज
परिजन रखने को नहीं तैयार, अस्पताल में उपचार जारी


बैतूल:- जिला अस्पताल में एक मई से एक युवक भर्ती है। युवक के शरीर का बाया भाग पैरालिसिस है। जिसे मुम्बई की किसी कंपनी ने कर्मचारियों ने बैतूल लाकर छोड़ दिया। यह युवक जबलपुर निवासी है, युवक के मोबाईल में बैतूल निवासी एक दोस्त के नंबर सेव था, जिस पर कॉल करने के बाद कंपनी के लोग उसे दोस्त के पास छोड़ गए। पिछले पांच दिनों से बैतूल का युवक अपनी दोस्ती निभा रहा है। वह आर्थिक रुप से खुद भी सक्षम नहीं है, लेकिन फिर भी दोस्ती की खातिर उसका पूरा ख्याल रख रहा है। युवक को उसके परिजनों के पास पहुंचाने के लिए प्रयास जारी है। यह मामला कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस के संज्ञान में भी लाया गया और उन्होंने भी बीमार युवक की हर संभव मदद के लिए पहल की है। विडम्बना अब यह है कि युवक के परिजन उसे अपने पास बुलाने में ही ना नुकुर कर रहे है। ऐसे में वह लावारिस की तरह जिला अस्पताल में भर्ती है।
यह है पूरा मामला
जबलपुर निवासी करीब 35 वर्षीय युवक राजकुमार कुशवाह को बैतूल निवासी सूर्यकांत सोनी ने 1 मई को जिला अस्पताल में भर्ती कराया है। युवक को पैरालिसिस है, ऐसे में वह अपने नित्य कार्य भी खुद के भरोसे नहीं कर सकता। राजकुमार के माता-पिता का निधन हो गया है। वह अपने मामा के पास सतना जाना चाहता है। इस संबंध में जब सूर्यकांत सोनी ने समाजसेवी मनीष दीक्षित एवं बैतूल सांस्कृतिक सेवा समिति की अध्यक्ष गौरी पदम से 4 मई को सम्पर्क कर पूरी जानकारी दी तो उसे परिजनों के पास पहुंचाने की कवायद शुरु की गई। श्रीमती पदम ने इस संबंध में कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस को अवगत कराया जिसके बाद कलेक्टर ने युवक को उसके परिजनों के पास पहुंचाने के लिए हर संभव मदद के सीएमएचओ डॉ एके तिवारी को निर्देशित किया। डॉ तिवारी भी रोगी कल्याण समिति के माध्यम से बीमार को सतना भेजने तैयार हैं पर दिक्कत परिजनों के जिम्मेदारी लेने में है।
घर जाने में बाकी है अभी भी पेंच
युवक के परिजनों के नंबर पता कर अस्पताल चौकी प्रभारी सुरेंद्र वर्मा द्वारा बात की गई लेकिन बीमार राजकुमार के मामा व अन्य परिजन उसे घर बुलवाने में टालमटोल कर रहे है। इस संबंध में गौरी पदम ने भी युवक के मामा ओपी कुशवाह से सम्पर्क किया। उनके द्वारा जानकारी दी गई कि राजकुमार के सगे रिश्तेदार शिवदास कुशवाह, सुदामा कुशवाह है। उन्होंने जब सुदामा कुशवाह का कान्टेक्ट नंबर दिया। सुदामा कुशवाह ने भी राजकुमार को सतना लेन से मना कर दिया है। ऐसे में समस्या अब यह है कि जिला अस्पताल में युवक की देखभाल करने वाला कोई नहीं है। सूर्यकांत चाहता है कि किसी तरह उनका दोस्त अपने परिजनों के पास पहुंच जाए, वहीं परिजन युवक को सतना बुलवाने में ही आनाकानी कर रहे है। अपनों के साथ बेगाने हो जाने की यह पहली कहानी नहीं है। बहरहाल प्रयास जारी है कि परिजनों को राजकुमार के मुश्किल दिनों में साथ देने के लिए राजी कर उसे जल्द से जल्द सतना रवाना किया जा सकें।

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