दुष्यन्त संग्रहालय स्थापना पर्व के समापन समारोह में आए राज्यपाल राष्ट्र और समाज की प्रगति में साहित्य संस्कृति की अहम भूमिका – मंगूभाई पटेल

RAKESH SONI

दुष्यन्त संग्रहालय स्थापना पर्व के समापन समारोह में आए राज्यपाल

राष्ट्र और समाज की प्रगति में साहित्य संस्कृति की अहम भूमिका – मंगूभाई पटेल

भोपाल | राष्ट्र और समाज की प्रगति में साहित्य और संस्कृति की अहम भूमिका है,इसलिए समाज में साहित्यकारों कलाकारों का सदा से विशिष्ट स्थान रहा है. साहित्यकारों कलाकारों ने सदैव अपने सृजन में युगीन चेतना का स्थान दिया है और ऐसे साहित्यकार जिनके साहित्य को पढ़ कर हम बढ़े हुए उनके सृजन तथा उनकी दुर्लभ पांडुलिपियों तथा उनके द्वारा प्रयोग की गई सामग्री को दुष्यंत कुमार स्मारक पांडुलिपि संग्रहालय सहेज रहा है, उनका संरक्षण कर रहा है, यह बहुत महत्वपूर्ण कार्य है, इस महती कार्य हेतु संग्रहालय के संस्थापक राजुरकर राज एवम अन्य सदस्यों को में ह्रदय से बधाई देता हूँ । मेरी बहुत बहुत शुभकामनाएं । मैं यहां आकर अभिभूत हूँ। आप मुझे जब भी आमंत्रित करेंगे मैं आपके बीच सहर्ष उपस्थित रहूंगा |” यह उदगार हैं माननीय राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल के जो दुष्यंत कुमार स्मारक पांडुलिपि संग्रहालय के रजत वर्ष स्थापना पर्व के समापन अवसर पर आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे | 

कार्यक्रम का संचालन करते हुए संग्रहालय के निदेशक राजुरकर राज ने संग्रहालय की स्थापना के पच्चीस वर्षों की यात्रा संग्रहालय के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए आयोजन को सरस और भावपूर्ण ढंग से आगे बढ़ाया। 

आयोजन में स्वागत उदबोधन संग्रहालय की ओर से संग्रहालय के अध्यक्ष रामराव वामनकर ने देते हुए ,संग्रहालय की स्थापना से वर्तमान समय तक के सफर पर प्रकाश डालते हुए अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत किया । इस अवसर पर अतिथियों का स्वागत पुष्प एवम पुस्तक भेंटकर किया गया । माननीय राज्यपाल महोदय एवम मंचस्थ अतिथियों ने इस अवसर पर संग्रहालय द्वारा समापन मास में किये जा रहे आयोजनों की ‘चित्र पुस्तिका ‘ का अवलोकन भी किया | 

आयोजन में सारस्वत अतिथि के रूप में उपस्थित वरिष्ठ कवि कथाकार एवम टैगोर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति संतोष चौबे ने कहा कि दुर्लभ पांडुलिपियों को सहेजना और उनका अनुवाद करना,बहुत आवश्यक है ,राज्यपाल जी निरन्तर आमजन से संवाद करते हैं उनके बीच रहकर काम करते हैं ,वे आम आदमी के राज्यपाल हैं ,उनका संग्रालय में स्वागत है |

इस अवसर पर माननीय राज्यपाल महोदय ने संग्रहालय में प्रदर्शित दुर्लभ पांडुलिपियों,चित्रों,व अन्य सामग्री का अवलोकन किया व संग्रहालय के इस अनूठे कार्य की भूरी भूरी प्रशंसा की ,आयोजन में राज्यपाल महोदय के पधारने पर पुष्पगुच्छ भेंटकर उनकी अगवानी राजुरकर राज, रामराव वामनकर,और घनश्याम मैथिल ‘अमृत’ ने की । ,इस अवसर पर राज्यपाल महोदय को संग्रहालय की और से संग्रहालय के संरक्षक रामबाबू शर्मा द्वारा स्मृति चिन्ह भेंट किया गया | कार्यक्रम के अंत में संग्रहालय की पूर्व अध्यक्ष एवम संरक्षक ममता तिवारी ने आभार प्रकट किया | इस अवसर पर नगर के अनेक गणमान्य नागरिक एवम साहित्यकार उपस्थित थे |

रपट : घनश्याम मैथिल अमृत

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