सारनी के जंगलों में अवैध उत्खनन बढ़ा, तेंदुआ और बाघ शहर में आए ।

RAKESH SONI

सारनी के जंगलों में अवैध उत्खनन बढ़ा, तेंदुआ और बाघ शहर में आए ।

सारनी। उत्तर वन मंडल बैतूल के अंतर्गत आने वाली सारनी रेंज में एक बार फिर अवैध उत्खनन चरम पर है। जंगल में लकड़ी की अवैध कटाई और अवैध रेत का उत्खनन पहले से ही चल रहा था की अब आग से किलोमीटर तक जंगल जलकर राख हो गए हैं । आग को बुझाने में वन परिक्षेत्र अधिकारी अमित साहू और उप वन मंडल अधिकारी विजय मौर्य की कार्यप्रणाली पूर्ण रूप से नाकाम रही है, जिसका असर यह हुआ की ए•बी टाइप कॉलोनी सारनी में बाघ ने दुबारा दस्तक दे दी है। सारनी निवासी वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन एक्टिविस्ट आदिल खान ने बताया कि उन्हें कल रात 10 बजे एबी टाइप कालोनी निवासी सानिध्य वराठे का फोन आया था। सानिध्य ने उन्हें बताया कि एक गाय घायल अवस्था में है और बहुत चिल्ला रही है।

जिस पर आदिल वहां पहुंचे तो उन्होंने देखा कि बैल को बाघ ने घायल किया है। आदिल ने जानकारी दी कि बैल के शरीर में बाघ के पंजे के निशान स्पष्ट दिखाई दे रहे थे और ख़ून भी बह रहा था। जिसपर उन्होंने दवा लगाने का प्रयास भी किया परंतु बैल ने दवा नहीं लगवाई ।आदिल ने बताया कि कालोनी में तीन साल से तेंदुआ आ रहा है परंतु उसने कभी गाय बैल पर हमला नहीं किया। हमले के निशान देख कर यह‌ लग रहा है कि सब एडल्ट बाघ ने बैल पर हमला‌ किया था। वहीं आदिल ने यह भी जानकारी दी की वन विभाग ठीक तरीके से जंगल की सुरक्षा नहीं कर पा रहा है जिस वजह से जंगल जल रहें हैं और अवैध उत्खनन चरम पर है। यही वजह है कि बाघ कालोनियों में घूम रहा है। बाघ और तेंदुए का एक‌ छोटे क्षेत्र में होने पर चिंता जताते हुए आदिल ने बताया कि जब जंगल में बाघ-तेंदुए जैसे वन्य प्राणियों को जिंदा रहने के लिए बहुत खराब परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है तब ही वह अपना हैबिटेट इतने आसपास साझा करते हैं। दोनों वन्य प्राणियों के समय-समय पर एक ही कालोनी में मूवमेंट करने से यह बात स्पष्ट हैं कि सारनी के जंगलों की स्थिति दयनीय हो गई है।

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