Hanuman janam utshv: हनुमान जन्मोत्सव आज, बालाजी हर संकट करेंगे दूर

RAKESH SONI

Hanuman janam utshv: हनुमान जन्मोत्सव आज, बालाजी हर संकट करेंगे दूर


धार्मिक। हिन्दू धर्म में हर साल की तरह इस बार भी चैत्र माह के शुक्ल की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जयंती बड़े ही जश्न के साथ मनाई जाएगी, क्योंकि इसी दिन हनुमान जी का जन्म हुआ था. ऐसी मान्यता है कि बजरंगबली आज भी धरती पर सशरीर मौजूद हैं. वह आज भी सभी के संकटों का निवारण करते हैं इसलिए उन्हें संकटमोचन के नाम से भी जाना जाता है.

हनुमान का जयंती शुभ मुहूर्त
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पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 23 अप्रैल को सुबह 3 बजकर 25 मिनट से शुरू होगी और 24 अप्रैल को सुबह 5 बजकर 18 मिनट पर समाप्त होगी. इसलिए इस साल हनुमान जयंती 23 अप्रैल 2024 दिन मंगलवार को मनाई जाएगी. हनुमान जी की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 23 अप्रैल को सुबह 9 बजकर 3 मिनट से 10 बजकर 41 मिनट तक रहेगा. ब्रह्म मुहूर्त 23 अप्रैल को सुबह 4 बजकर 20 मिनट से 05 बजकर 04 मिनट तक रहेगा. इस मुहूर्त में स्नान करना बहुत ही शुभ माना जाता है. हनुमान जयंती के दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 53 मिनट से दोपहर 12 बजकर 46 मिनट तक रहेगा.

बजरंगबली की पूजा में शामिल करें ये चीजें
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ऐसी मान्यता है कि हनुमान जयंती की पूजा में कुछ जरूरी चीजों का शामिल करना बहुत करना बहुत ही आवश्यक होता है. इससे हनुमान जयंती के पुण्यफल से साधक के अटके काम पूरे होने लगते हैं. बजरंगी के भक्त हर समय उनकी कृपा बनी रहती है, जिससे उसे किसी भी प्रकार की बुरी बलाओं से मुक्ति मिलती है.
हनुमान जी की पूजा में लाग या नारंगी रंग अवश्य शामिल करें, क्योंकि हनुमान जी को ये रंग बहुत प्रिय है. ऐसे में हनुमान जी को उनकी पूजा में लाल रंग के पुष्प, लाल रंग के फल, लाल या नारंगी रंग के वस्त्र और सिंदूर अवश्य शामिल करें.
हनुमान जयंती की पूजा का पुण्यफल पाने के लिए शुद्ध घी का दीया ही जलाना शुभ माना जाता है. यदि आप हनुमान जी के दीये में कलावे से बनी लाल रंग की बाती लगाते हैं तो उसकी शुभता और अधिक बढ़ जाती है.
हिंदू धर्म में किसी भी देवी-देवता की पूजा भोग के बिना अधूरी मानी जाती है. ऐसे में हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी की पूजा में उनका प्रिय भोग यानि बूंदी, मोतीचूर का लड्डू, चूरमा, गुड़-चना आदि शामिल करें.
हनुमान जी की पूजा में तुलसी दल का विशेष रूप से महत्व होता है. ऐसी मान्यता है कि हनुमान जी का भोग तब तक अधूरा माना जाता है, जब तक कि आप उसमें तुलसी दल साथ न चढ़ाएं. ऐसे में आप हनुमत कृपा पाने के लिए उन्हें तुलसी के पत्तों से बनी माला विशेष रूप से चढ़ा सकते हैं.
हनुमान जयंती की पूजा करने वाले साधक को तामसिक चीजों का प्रयोग नहीं करें और उसे पूरे दिन ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए इस व्रत को पूरा करना चाहिए. हनुमान जी की पूजा करते समय अपना ध्यान इधर-उधर की चीजों में नहीं भटकाएं. इसके लिए पूजा करने से पहले सभी पूजन सामग्री अपने पास में रख लें. जरूरत पड़ने पर पूजा में सभी चीजों के उपयोग किया जा सके.

जानें क्या है मान्यता
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हिंदू मान्यता के अनुसार, कलयुग में राम भक्त हनुमान जी की साधना सभी सुखों को दिलाने और मनोकामनाओं को पूरा करने वाली मानी गई है. हर युग में पृथ्वी पर मौजूद रहने वाले हनुमान जी की साधना के पुण्य फल से व्यक्ति के जीवन से जुड़ा बड़ा से बड़ा कष्ट पलक झपकते ही दूर हो जाते हैं. इसके अलावा आपको जीवन में आने वाले संकटों से मुक्ति मिलती है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है.

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