गुरु निर्देश और गुरु अनुशासन को मानना ही गुरु पूजा है – दद्दा जी

सारणी:- स्थानीय गायत्री प्रज्ञा पीठ में चैत्र नवरात्र के दूसरे दिन गायत्री महायज्ञ में 8 परिजनों ने गुरु दीक्षा संस्कार कराए . यज्ञ मंच से दीक्षा के दौरान डूंगरिया चरण पीठ के श्री कोमल प्रसाद विश्वकर्मा (दद्दा जी) ने बताया कि गायत्री प्राणों की साधना है यह वेद विद्या और ब्रह्म विद्या है गुरू निर्देश व अनुशासन को मानना ही गुरु पूजा है उन्होंने बताया कि मनुष्य को साधना और स्वाध्याय के माध्यम से अंतःकरण अर्थात मन, बुद्धि, चित्त को शोधितकर जीवन लक्ष्य को पाने के लिए क्रमबद्ध प्रयास करते रहना चाहिए दीक्षा के बाद मनुष्य का एक नया जन्म होता है उसे गुरु के दिव्य सरंक्षण में बाह्य व आंतरिक समग्र विकास का नवीन पथ मिलता है. दीक्षा संस्कार के पश्चात अन्य उपस्थित परिजनों ने यज्ञ में आहुतियां दी तथा प्रसादी ग्रहण की
Advertisements
Advertisements
Advertisements
Advertisements
Advertisements
Advertisements