दुष्यंत कुमार स्मारक पांडुलिपि संग्रहालय की आम सभा और विशिष्ठ काव्य गोष्ठी सम्पन्न 

RAKESH SONI

दुष्यन्त संग्रहालय आयोजित करेगा युवा रचना पर्व

नींद भले हो गफलत की हाथ उठा हुंकारा बोल

दुष्यंत कुमार स्मारक पांडुलिपि संग्रहालय की आम सभा और विशिष्ठ काव्य गोष्ठी सम्पन्न 

भोपाल | दुष्यंत कुमार स्मारक पांडुलिपि संग्रहालय शीघ्र ही युवा रचना पर्व आयोजित करेगा, जिसमे युवा रचनाकार भाग लेंगे। इसके साथ ही संग्रहालय को तकनीकी रूप से समृद्ध करते हुए पांडुलिपियों का डिजिटलीकरण किया जायेगा। 

इस तरह के और भी महत्वपूर्ण निर्णय संग्रहालय की वार्षिक आम सभा में लिए गए. इस अवसर पर विशिष्ट काव्य-गोष्ठी भी संग्रहालय के अंजय तिवारी सभागार में सम्पन्न हुई | बैठक की अध्यक्षता संग्रहालय के अध्यक्ष वरिष्ठ साहित्यकार रामराव वामनकर ने की ,इस अवसर पर संग्रहालय के निदेशक राजुरकर राज ने विगत वर्ष में पारित प्रस्ताव और उनके क्रियान्वन तथा आगामी वर्ष में प्रस्तावित आयोजनों की रूपरेखा प्रस्तुत की तथा संग्रहालय के कोषाध्यक्ष डॉ अरविंद सोनी ने आय-व्यय का ब्यौरा प्रस्तुत किया | इस अवसर पर संग्रहालय की सदस्यता लेने वाले नए सदस्यों के साथ ही पुराने सक्रिय सदस्यों का सम्मान -पत्र भेंटकर स्वागत किया गया | इस अवसर पर आयोजित विशिष्ठ कवि-गोष्ठी में उपस्थित कवियों ने राष्ट्रभक्ति, पावस ऋतु और समसामयिक विषयों पर विविधवर्णी कविताओं की प्रस्तुति से आयोजन को स्मरणीय बना दिया |

कार्यक्रम का प्रारम्भ रेखा कापसे की सुमधुर सरस्वती वंदना ‘शुभ शारदे वाणी हमें वरदान दो माँ भारती’ से हुआ साथ ही उन्होंने देश प्रेम की कविता इस अवसर पर प्रस्तुत करते हुए पढ़ा -‘अति पावन माटी,मेरा भारत देश |’ गोष्ठी के क्रम को आगे बढ़ाया युवा कवि यशवंत नागले ने -‘ जो आग में तप कर मुझे देती कुंदन बना मुझे उस आग में जलने का मजा आता है | ‘ गोष्ठी में राजुरकर राज की इन पंक्तियों को श्रोताओं की खूब सराहना मिली –‘पम पम तारा रारा बोल,तू मत इतना सारा बोल,नींद भले हो गफलत की ,हाथ उठा हुंकारा बोल | 

चर्चित रचनाकार सुरेश पटवा की काव्य पँक्तियाँ थीं -‘ नहीं बनना चाहती एक नदी ,बनना चाहती हूं मैं समुद्र |’ सुपरिचित कवि रामराव वामनकर की पंक्तियों को।खूब तालियां मिलीं -‘अपनों से क्या गिला है चले आओ ,दरवाजा भी खुला है चले आओ | ‘ वरिष्ठ कवि देवेंद्र कुमार जैन ने -‘जीवन एक चाय का प्याला | ‘ और वरिष्ठ कवियत्री मनोरमा पंत ने -‘ प्रचंड आवेश में है देश मेरा | ‘ कविताओं से आयोजन को नई ऊंचाईयां प्रदान की |

गोष्ठी में उपस्थित कवि कर्नल डॉ गिरजेश सक्सेना ने कोरोना काल में आक्सीजन की कमी पर थमती सांसों को केंद्र में रखकर ‘ हाँ सही कहा सरकारों ने ऑक्सीजन की कमी से कोई नहीं मरा | ‘मार्मिक रचना का पाठ किया | इस अवसर पर विपिन बिहारी वाजपेयी ने -‘ कीलें बीनता हूँ मैं |’ और सुपरिचित कवि हरिओम श्रीवास्तव ने राधा- कृष्ण को समर्पित बेहतरीन कविता प्रस्तुत की | काव्य गोष्ठी में रामकिशोर श्रीवास्तव ‘ रवि ‘ की यादगार पँक्तियाँ थीं -‘ प्रजातंत्र में हमने मंत्री ठेठ निरक्षर देखे हैं,दोनों ही सदनों में कतिपय पक्के जोकर देखे हैं | ‘ रचना प्रस्तुत कर खूब वाहवाही लूटी |

इस गोष्ठी में कवि मधु हुरमाड़े ने ‘मैं क्या हूँ मेरी हस्ती क्या है ,नफरत की आग प्रेम से बुझाकर देखें और वरिष्ठ कवि महेंद्र सिंह ने -‘ किन मुश्किलों में जी रहा हूँ | ‘ कविता प्रस्तुत की | सुपरिचित कवि अशोक धमेनियाँ ने -‘ गड़ गड़ करती सभी दिशाएं | ‘ पावस ऋतु केंद्रित रचना का पाठ किया | वरिष्ठ कवि के सी श्रीवास्तव जी ने पढ़ा – ‘रिश्ते टूट जाने का डर नहीं ,अपनो से अपनेपन टूट जाने का डर लगता है | ‘ कवि नन्दकिशोर पांडेय ने भी अपनी कविता से श्रोताओं को प्रभावित किया | डॉ क्षमा पांडेय ने ‘हमें गर्व है तुम पर ,शत शत नमन स्वीकार करो सैनिक | ‘ देशभक्ति से परिपूरित ओज कविता प्रस्तुत की | डॉ विमल कुमार शर्मा की काव्य-पँक्तियाँ थी -‘ रोशनी की इक किरण पर नाम लिखकर भेज दो तुम | कार्यक्रम का संचालन कर रहे घनश्याम मैथिल ‘अमृत’ ने गोष्ठी में अपनी व्यंग्य क्षणिकाएं प्रस्तुत करते हुए पढ़ा -‘ पहली बारिश में ही ढह गया ,नव-निर्मित बाँध /क्योंकि निर्माण से जुड़े ठेकेदार ने ,पहले।ही सबंधित अधिकारियों की पूजा कर/उनके हाथ दिए थे ‘बांध ‘ | इस अवसर पर गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ कवि गीतकार ऋषि श्रृंगारी ने अपनी सुपरिचित सुमधुर शैली में गीतों की प्रस्तुति कर गोष्ठी को शिखर तक पहुंचाया |

इस गोष्ठी में महेश सक्सेना , डॉ मीनू पांडेय नयन , जया आर्य , डॉ जवाहर कर्नावट ,मधुकर द्विवेदी , केशवचंद्र जैन, कैलाश राजुरकर,रामबाबू शर्मा , संगीता राजुरकर, सहित अनेक साहित्यकार एवम प्रबुद्धजन उपस्थित थे |

Advertisements
Advertisements
Advertisements
Advertisements
Advertisements
Advertisements
Share This Article
error: Content is protected !!