दूध से करे रुद्राभिषेक जानते है वास्तु शास्त्री डॉ सुमित्रा से जलाभिषेक की सही दिशा
कोलकाता। मान्यता है कि शिवलिंग पर दूध से रुद्राभिषेक करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। सावन माह में भगवान शिव का दूध डालकर जलाभिषेक का विशेष महत्व है।
सावन माह में और सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन दूध से अभिषेक करने का विशेष महत्व है। इसके पीछे एक पौराणिक कथा प्रचलित है। समुद्र मंथन के दौरान संसार को बचाने के लिए शिव जी मे विषपान कर लिया था। इससे उनका पूरा कंठ नीला हो गया था। भगवान शिव के विषपान करने से उसका प्रभाव शिव जी पर और जटा में बैठी गंगा पर पड़ने लगा। ऐसे में सभी देवी-देवताओं ने शिव से दूध ग्रहण करने का आग्रह किया। दूध ग्रहण करते ही उनके शरीर में विष का प्रभाव कम होने लगा। तभी से शिव जी को दूध अर्पित करने की परंपरा है।
जलाभिषेक की सही दिशा
शिवपुराण में जलाभिषेक के कई नियमों के बारे में बताया गया है। शिवलिंगप र जलाभिषक या फिर रुद्राभिषेक करते समय दिशा का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। शिव जी का जलाभिषेक करते समय गलती से भी पूर्व दिशा की ओर खड़ी नहीं हो। इस दिशा में शिवलिंग का मुख होना चाहिए। वहीं, कहते हैं कि पश्चिम दिशा की ओर मुख करके शिवलिंग पर जल अर्पित न करें। शिवलिंग पर जल अर्पित करते समय स्वंय दक्षिण दिशा की ओर मुख कर लें।
कहते हैं कि उत्तर दिशा देवी-देवताओं की दिशा होती है। इस दिशा में पूजा करने से पूर्ण फल की प्राप्ति होती है। इस दिशा में मुख करके शिवलिंग की पूजा करने से मां पार्वती की कृपा भी प्राप्त होती है।