केंद्र सरकार के कर्मचारीयों के बराबर मंहगाई राहत देने की मांग।

यूनियन के प्रांतीय महामंत्री सुशील शर्मा
सारनी। 2018 से पहले मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य सरकार के कार्मिकों को केंद्रीय सरकार के बराबर मंहगाई भत्ता देकर समानता का व्यवहार किया था। विद्युत मंडल कर्मचारी यूनियन के प्रान्तीय उपाध्यक्ष अंबादास सूने ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि मार्च 2020 में मुख्यमंत्री बनने के बाद शिवराज सिंह चौहान के व्यवहार में अंतर आया है । केंद्र सरकार के बराबर मंहगाई भत्ता भी समय पर नहीं देकर ओर एरियर का भी भुगतान नहीं देकर कार्मिकों के साथ न्याय नहीं कर रहे हैं । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्य काल में माह सितम्बर 22 की पेंशन ऐतिहासिक हो गई है। सरकार की गलत नीतियो के कारण बिजली कंपनियों को समय पर सब्सिडी नहीं दी गई है। जिसके कारण बिजली कंपनियों ने अपने 55 हजार पेंशनरों को सितम्बर माह की पेंशन समय पर नहीं दी। दूसरी ओर 2000 मे छतीसगढ, झारखंड,उतराखण्ड राज्यो का गठन किया गया। उन राज्यो में धारा 49 की कोई बाधा नहीं है। इन राज्यों मे सरकार अपने पेंशनरों को मंहगाई राहत केंद्र सरकार के पेंशनरों के बराबर दे रहे हैं । छत्तीसगढ़ राज्य ने 14 अक्तूबर को आदेश जारी कर 34 % से 38 % मंहगाई राहत जुलाई 22 से पेंशनरों देने की स्वीकृति दी है । विद्युत मंडल कर्मचारी यूनियन के प्रांतीय महामंत्री सुशील शर्मा ने भी मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर पेंशनरों को मंहगाई राहत देने की मांग की है ।