शासकीय विभागों में कार्यरत ठेका एवं आउटसोर्स श्रमिकों/कर्मचारियों को ईपीएफ से जोड़ा जाएगा
बैतुल। श्रम विभाग द्वारा शासकीय विभागों में कार्यरत ठेका एवं आउटसोर्स पर कार्यरत श्रमिकों/कर्मचारियों को ईपीएफ (कर्मचारी भविष्य निधि योजना) से जोडक़र अंशदान जमा करने की कार्रवाई की जा रही है। प्रमुख सचिव श्रम विभाग श्री सचिन सिन्हा ने बताया कि कर्मचारी भविष्य निधि एवं प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम 1952 के प्रावधान ऐसे कामगारों के ऊपर भी लागू होते हैं, जो मध्यप्रदेश शासन के अंतर्गत विभिन्न विभागों में ठेका कर्मचारी/आउटसोर्स कर्मचारी के रूप में कार्यकरते हैं अथवा जो कर्मचारी ऐसे विभागों के लिए सीधे कार्य कर रहे हैं। इन श्रमिकों को कर्मचारी भविष्य निधि एवं प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम 1952 के अंतर्गत सदस्य बनाना एवं संबंधित विभागाध्यक्ष, ठेकेदार या एजेंसी का कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार) में पंजीयन कराते हुए नियोजक और कर्मकार का निर्धारित अंशदान जमा कराना वैधानिक रूप से अनिवार्य है। इसका उल्लंघन होने पर कर्मचारी भविष्य निधि आयुक्त, श्रम मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा संबंधित उत्तरदायी के विरूद्ध वैधानिक कार्रवाई की जा सकती है। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में नियोक्ता एवं कर्मचारी दोनों के अंशदान की दर मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 12-12 प्रतिशत है। पंजीयन व सदस्यता और अभिदान जमा कराने की सुविधा पोर्टल http://www.epfindia.gov.in/site_en/Principal_Employer.php पर ऑनलाइन उपलब्ध है। उक्त योजना में जुडऩे पर कर्मचारी को भविष्य निधि (प्रोविडेंट फंड) तथा पेंशन आदि सामाजिक सुरक्षा के लाभ प्राप्त होते हैं।
श्री सिन्हा ने निर्देश दिए हैं कि समस्त ठेकेदारों/एजेंसियों द्वारा कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार) में तत्काल पंजीयन प्राप्त करते हुए सभी ठेका श्रमिकों/आउटसोर्स कर्मचारियों को सदस्य बनाया जाना सुनिश्चित किया जाए एवं उनका निर्धारित अभिदाय जमा कराया जाना प्रारंभ किया जाएगा।