अनुकंपा आश्रित लगभग 20 वर्षों से इंतजार कर रहे है नियुक्ति के लिए मुख्यमंत्री को सोपा ज्ञापन।
सारणी। सारणी क्षेत्र में आगमन माननीय मुख्यमंत्री को विद्युत मंडल के बिजली कंपनियों में, अनुकंपा नियुक्ति पाने वाले आश्रितों ने ज्ञापन दिया, अनुकंपा नियुक्ति संघर्ष संघ के प्रदेश महामंत्री निराकार सागर ने बताया कि, सन 2000 के पूर्व से लेकर 2012 तक, मध्य प्रदेश विद्युत मंडल एवं मध्य प्रदेश राज्य विद्युत मंडल के, बिजली कंपनियों में,प्रदेश के अन्य विभागों की तरह अनुकंपा नियुक्ति देना चाहिए, क्योंकि पूर्व में 1997 के नियम अनुसार 2000 के पूर्व के प्रकरणों को अनुकंपा नियुक्ति दी गई थी, परंतु पूर्व कांग्रेस सरकार के समय 01/09/ 2000 को प्रतिबंध अनुकंपा नियुक्ति में लगा दिया गया था, लेकिन 2000 के पहले के कुछ बालिक एवं नाबालिक प्रकरणों को 01/09/ 2000 में प्रतिबंध होने के कारण छोड़ दिया गया था, जिसके कारण आज दिनांक तक लगभग 25 वर्षों से आश्रित विद्युत मंडल के बिजली कंपनियों में अनुकंपा नियुक्ति पाने के लिए भटक रहे हैं, इन 25 वर्षों में जिन घरों में अपनी माता को पेंशन मिल रहा था, ऐसे कुछ पेंशन धारी माता का वर्गवास हो चुका है, उन घरों में सरकार अनुकंपा नियुक्ति नहीं देने के कारण, महंगाई के जमाने में अपना भरण पोषण करना, भाई बहनों की पढ़ाई लिखाई एवं शादी विवाह का कार्य, आर्थिक स्थिति अत्यंत दयनीय होने के कारण नहीं हो पा रहा है, जबकि वर्तमान भारतीय जनता पार्टी सरकार ने, बिजली कंपनी में अलग-अलग नीति बनाकर, दिवंगत कर्मचारियों के मृत्यु का बंटवारा करते हुए, सन 2000 से लेकर 2012 के बीच,कार्य के दौरान दुर्घटना में मृत्यु प्रकरणों को नियुक्ति प्रदान करने के आदेश जारी किए है,एवं 2012 के बाद के कार्य के दौरान सामान्य मृत्यु प्रकरण और दुर्घटना में मृत्यु प्रकरणों पर,वर्तमान अनुकंपा नियुक्ति,कंपनी के शर्तों के साथ डिप्लोमा एवं आईटीआई धारकों को, उनके योग्यता अनुसार अनुकंपा नियुक्ति दी जा रही है, जो कि न्याय संगत नहीं है, जबकि प्रदेश के अन्य विभागों में बिना शर्त अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जा रही है, इसी प्रकार विद्युत मंडल, मध्य प्रदेश राज्य विद्युत मंडल के, बिजली कंपनियों के दिवंगत कर्मचारियों के आश्रितों को, 1997 के नियम अनुसार 2000 के पूर्व से, 2012 तक, मृत्यु दिनांक की सूची अनुसार बिना शर्त अनुकंपा नियुक्ति देना चाहिए, क्योंकि बालिक एवं नाबालिक आश्रितों द्वारा समय सीमा पर आवेदन किया गया था, अगर आज दिनांक तक नियम अनुसार, आश्रित का आयु अधिक हो गया है,और वह अपात्र घोषित हो रहा है, तो इसमें आश्रित का कोई दोष नहीं है, क्योंकि सरकार के गलत नीतियों के कारण आश्रित अधिक आयु से अपात्र हुआ है, ऐसे आश्रितों के घर से किसी एक योग्य आश्रित को नियुक्ति देना चाहिए, और अपात्र अधिक आयु वाले आश्रित के घर में, योग्य व्यक्ति न होने की स्थिति में, एक मुफ्त सहायता राशि लाख 50 लाख रुपए देना चाहिए, इसलिए क्योंकि दिवंगत कर्मचारियों ने अपना खून पसीना बहा कर, विद्युत पैदा करते हुए, राज्य और अन्य राज्यों में उजाला हुए, दिवंगत हो गए,और आज उजाला फैलाने वाले दिवंगत कर्मचारियों के घरों में ऊर्जा विभाग की गलत नीतियों के कारण अंधेरा छाया हुआ है, जो न्याय संगत नहीं है, नियुक्ति के लिए ज्ञापन सौंपने वाले आश्रित आशीष उगर्ड़े, राम शंकर काहर, अजय भंडारी, अनीता कुमार, सुमन कूरानिया, ममता सोनी, परसराम पंडोले, देवेंद्र बरकट, कमल बाथम, सुनील गावडे, दीपक डेहरिया, कमलेश मालवीय, उपस्थित थे