मनसंगी द्वारा प्रकाशित हुआ साँझा संकलन ,खामोश लब्ज बना प्रथम साझा संकलक मनसंगी का एक और सफलतम कार्य
सारनी। मनसंगी परिवार द्वारा साँझा संकलन सफल रहा जिसका संपादकीय वा संकलक कार्य प्राची पांडेय जी बलरामपुर(उप्र) ने किया। जिसमें मनसंगी के संस्थापक अमन राठौर जी का विशेष योगदान व मार्गदर्शन रहा संपादकीय प्राची जी ने किया। संकलन में विभिन्न प्रान्तों के विभिन्न रचनाकारों ,साहित्यकारों ने हिस्सा लिया।पुस्तक को सफल बनाने में रचनाकार- कीर्ति उपाध्याय जी ,डी विजय भोई जी ,अरविंद सिंह चारण जी, आनंद कुमार जी, रजनीश उपाध्याय जी, कृष्ण बंसल जी, sh मुकेश कुमार शुभ जी ,त्रिभुवन गौतम जी ,ऐनुल अंसारी जी ,सुरंजना पांडे जी, दिनेश शर्मा जी ,कुशवाहा आजाद जी ,शावेज अली जी, केटी लालवाणी जी, शिवम् द्विवेदी जी, पूजा गायकवाड जी, नेहा मिश्रा जी, डॉ रवि कुमार जी, डॉ दिव्यांशु पांडे जी, रूद्र भार्गव मिश्रा जी, सोनम मिश्रा जी, अलका जैन जी, डॉ राम शरण सेठ जी, अनुराग यादव जी, तलत एजाज जी, गौरव शर्मा जी, सुनीता यादव जी, मोहम्मद वसीम जी, निजाम मॏघ्वी जी, आशीष प्रकाश जी, सुरेंद्र चतुर्वेदी जी, प्रियंका लालवानी जी, महेश कुमार जी, मीत प्रियंका जी, शमा जी ,पूजा शर्मा जी, ज्योति यादव जी, किरण झा मिश्री जी, अपनी रचना दे कर योगदान दिया।