कृषि कार्य के ट्रैक्टर का हो रहा कमर्शियल उपयोग, शहर में धड़ल्ले से अवैध रेत परिवहन 

RAKESH SONI

कृषि कार्य के ट्रैक्टर का हो रहा कमर्शियल उपयोग, शहर में धड़ल्ले से अवैध रेत परिवहन 

बिना रजिटेशन नंबर की ट्रेक्टर ट्राली फर्राटा भरते आती नजर

प्रशासन की आंखें बंद बेखौफ हुए माफिया

 संवाददाता / दुर्गेश डेहरिया

जुन्नारदेव। शहर में अवैध रेत माफियाओं का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। क्षेत्र की छोटी-बड़ी नदियों का सीना छलनी कर के बहते पानी से रेत निकाल कर परिवहन किया जा रहा है। जिस पर स्थानीय प्रशासन मौन है। कृषि कार्य में उपयोग हेतु लाए गए ट्रैक्टर ट्राली से कमर्शियल उपयोग किया जाता है। कोई कार्यवाही नहीं होती बकायदा ट्रैक्टर और ट्राली में बिना नंबर के परिवहन प्रतिदिन सुबह 5:00 बजे से 10:00 बजे तक के निरंतर देखा जा सकता है। जो धड़ल्ले से तीव्र गति से भागते हुए नजर आते हैं इतना ही नहीं फॉरेस्ट के खजरी फुलसा की नदी से रेत निकालकर परिवहन किया जा रहा है।

बेलगाम भागते ट्रैक्टर ट्राली से हादसे का अंदेशा

 रेत माफियाओं का बोलबाला देखें की अवैध रेत भरे ट्रैक्टर ट्राली की स्पीड इतनी अधिक होती है। सुबह के वक्त बच्चों का स्कूल आवागमन होता है। और रेत के बिना रजिटेशन वाले ट्रेक्टर ट्राली से सड़क दुघर्टना होने का अंदेशा बना रहता है। साथ ही शहर में पीएम आवास निर्माण कार्य में रेत सप्लाई को लेकर मुंह मांगे दाम शहर के रेत माफिया वसूल रहे हैं और मौके का लाभ उठाकर उन्हें ठगने मैं पीछे नहीं है एक ट्राली रेत लगभग ₹5000 में बेची जा रही है सूत्रों ने बताया कि नगर में लगभग 200 से अधिक पीएम आवास बनना तय है रेट नहीं मिल पाने के कारण लेटलतीफी से निर्माण कार्य नहीं हो रहा है अब जैसे तैसे रेट तो मिल गई लेकिन उसके दाम भी आसमान छू रहे हैं जिसके कारण में पीएम आवास की राशि में मकान निर्माण को हो पाना अब संभव नहीं रहा है।

शहर के चौक चौराहों पर गुप्तचरों का जमावड़ा

अवैध रेत माफियाओं की गाड़ी पार करने के लिए अब शहर के प्रमुख चौराहों पर गुप्तचरों को खड़ा किया जाता है जिससे पल पल की जानकारी ट्रैक्टर ड्राइवर को रास्ता साफ होने की तरफ हरी झंडी देकर निर्माणधीन स्थल पर पहुंचाने के लिए काम किया जाता है।

Advertisements
Advertisements
Share This Article
error: Content is protected !!