मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी घोषणा को पूरा करे।
660 मेगावाट की ईकाई सारनी का भविष्य है:- सुशील शर्मा।
सारनी:-मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सारनी मे 660 मेगावाट की ईकाई को लगाने की घोषणा की थी, जो 10 वर्ष बाद भी आज तक अधुरी है। विद्युत मंडल कर्मचारी यूनियन के प्रांतीय महामंत्री सुशील शर्मा ने शीघ्र ही 660 मेगावाट ईकाई का भूमि पूजन कर इकाई के लिए निविदा जारी करने की मांग की है ।यह बात श्री शर्मा ने सारनी में यूनियन के कार्यक्रम कही। सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी में 1975 के पूर्व 312.5 मेगावाट का विधुत उत्पादन होता था। ये अमेरिका द्वारा निर्मित विद्युत गृह अब इतिहास बन गया है। भारत हेवीइलेक्ट्रिकल लिमिटेड ने 830 मेगावाट की 4 ईकाई को 1975 से 1983 के बीच स्थापित किया था। जो लगभग 42 वर्षों से अधिक समय तक उत्पादन करने के साथ ही बिजली उत्पादन के अनेक कीर्तिमान स्थापित करने मे सहायक ये चारो इकाईयां अब बंद है, जिनकी चालू होने की संभावना नही है।2013 -14 मे 250 मेगावाट की 2 ईकाईयों से 500 मेगावाट उत्पादन शुरू हुआ। श्री शर्मा सारनी मे एक कार्यक्रम में भाग लेने आर के तिवारी के साथ आए थे।मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने पहले दोरे मे ही घोषणा की थी,कि ईकाई 1 से 5 के डिसमेन्टल के बाद 660 मेगावाट क्षमता की सुपर क्रिटिकल ईकाई स्थापित की जायेगी। सारनी मे 660 मेगावाट की ईकाई लगने से रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।सारनीे से पलायन नही होगा,साथ ही ठेकेदारों को भी काम मिलेगा जिसके कारण आसपास के गांवों के लोगों को रोजगार मिलता रहेगा। क्षेत्र के व्यापारीयो को भी व्यापार का अवसर मिलेगा। विद्युत मंडल कर्मचारी यूनियन के क्षेत्रीय महामंत्री अंबादास सूने ने बताया कि यूनियन ने 2017 में पहली बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी एवं चचाई में 660 मेगावाट की ईकाई की स्थापना के लिए पत्र पाथाखेडा के फुटबाल मैदान में नगर पालिका के चुनावी सभा में दिया। एक वर्ष बाद 2018 मे पुनः विधानसभा चुनाव के पूर्व इसी फुटबाल मैदान की सभा में पत्र देकर स्मरण कराया ।मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा बैतूल में 2018 के विधानसभा चुनाव में भी 660 मेगावाट की ईकाई को सारनी में लगाने की बात दोहरायी थी। इसके बाद यूनियन ने समय समय पर बैतूल हरदा हरसूद संसदीय क्षेत्र के सांसद दुर्गादास उइके, आमला सारनी विधायक डाँक्टर योगेश पंडागरे ओर कांग्रेस सरकार के मंत्रियों को भी ज्ञापन दिये।जिससे वीरान हो रहे सारनी, पाथाखेडा के साथ ही बैतुल जिले के अस्तित्व को बचाया जा सके।उल्लेखनीय है कि सांसद उइके जी एवं आमला सारनी विधायक डॉक्टर योगेश पंडाग्रे के प्रयास से कलेक्टर बैतुल ने कोयला खदानों के लिए गांधी ग्राम मे भूमि अधिग्रहण करने के आवश्यक कार्यवाही भी की है। सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी में कंपनी के पास डेम,आठ हजार एकड़ भूमि, मूलभूत सुविधाएँ पहले से ही उपलब्ध है। जिसके कारण सारनी में 660 मेगावाट की ईकाई को स्थापित करने में लागत में भारी कमी आयेगी और प्रदेश को सस्ती दर पर बिजली अनवरत मिलेगी।यहां ध्यान देने की बात है कि रबी की फसल के समय अधिकतम विधुत की डिमांड दिसम्बर 2021 मे लगभग 15 हजार 700 मेगावाट रही है जिसकी आपूर्ति के लिए 660 मेगावाट की ईकाई को लगाना आवश्यक है। उल्लेखनीय है कि कोयला मंत्रालय ने कोल लिंकेज सतपुड़ा के लिए आवंटित किया है।नई तकनीक के कारण कोयले की खपत कम होगी।अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई में भी 660 मेगावाट की ईकाई की स्थापना के लिए कैबिनेट ने 4 जनवरी 2022 को प्रशासकीय स्वीकृति दी है ,जो कि कोल इंडिया लिमिटेड के साथ लगाने के लिए एम ओ यू पर कंपनी ने साइन किये हैं। विधुत मंडल कर्मचारी यूनियन के क्षेत्रीय महामंत्री अंबादास सूने ने मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान को लगातार पत्र लिखकर सारनी में 660 मेगावाट की ईकाई को कैबिनेट की मंजूरी शीघ्र दे कर अपनी घोषणा को पूरा करने की मांग कर रहे हैं।जिससे सारनी के अस्तित्व के साथ मध्यप्रदेश पावर जनरेटिग कंपनी लिमिटेड का भविष्य भी सुरक्षित होगा । यूनियन ने सारनी में सोलर प्लांट लगाने का स्वागत किया है।