छिंदवाड़ा के लिए छप्पन भोग बैतूल की थाली खाली :-डॉ योगेश पंडाग्रे
छिंदवाड़ा के लिए छप्पन भोग बैतूल की थाली खाली :-डॉ योगेश पंडाग्रे
कमलनाथ को जिले में आने से पहले जवाब देना चाहिए :- हेमंत खंडेलवाल
कमलनाथ के आमला आने से पूर्व जनता पूछ रही सवाल
बैतूल । 15 महीनों तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे कमलनाथ ने बैतूल जिले और खासतौर से आमला विधानसभा की जनता से छल किया है, इसलिए जनता उनसे सवाल कर रही है और उन्हें जवाब देना चाहिए कि वह आमला और बैतूल जिले में किस मुंह से आ रहे हैं ? आमला विधानसभा क्षेत्र के विधायक डॉ योगेश पंडाग्रे ने भाजपा कार्यालय विजय भवन में गुरूवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में कमलनाथ पर 2018 के चुनाव में और उसके बाद 15 महीने की सरकार में किसानों से, युवाओं से, बेरोजगारों से, गरीबों से और पूरे बैतूल जिले की जनता से छल करने का आरोप लगाते हुए जवाब मांगा है कि अब वह अब किस मुंह से बैतूल जिले में आमला विधानसभा की जनता के समक्ष आ रहे हैं। पत्रकार वार्ता में सांसद दुर्गादास दुर्गादास उइके, पूर्व सांसद हेमंत खंडेलवाल, भाजपा जिलाध्यक्ष आदित्य बबला शुक्ला, जिला पंचायत अध्यक्ष राजा पवार, जिला महामंत्री कमलेश सिंह, जिला सह मीडिया प्रभारी विशाल बत्रा भी उपस्थित थे। श्री पंडाग्रे ने आगे कहा कि कमलनाथ के पास मुख्यमंत्री के रूप में जब देने को कुछ था तब तो वह आमला आए नहीं और अब खाली हाथ हैं तो अमला आकर जनता को पुनः छलने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन सुन लीजिए कमलनाथ जी काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती। जनता उनके झूठ को अब समझ चुकी है इसलिए उनके छलावे में आने वाली नहीं है। श्री पंडाग्रे ने कमलनाथ पर मुख्यमंत्री रहते बैतूल जिले का हक छीन कर छिंदवाड़ा ले जाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि छिंदवाड़ा का विकास हो इसमें हमें कोई आपत्ति नहीं है लेकिन बैतूल जिले का और मेरी विधानसभा आमला के निवासियों का जो हक है वह तो नागरिकों को मिलना ही चाहिए। किसी भी मुख्यमंत्री को विकास समभाव से करना चाहिए। 2018 के चुनाव में आमला विधानसभा की जनता ने मुझे जिताया तो कमलनाथ ने मुख्यमंत्री रहते हुए उसका जनता से भरपूर बदला लिया है। कमलनाथ के मुख्यमंत्री रहते छिंदवाड़ा जिले में 56 सड़कों के कार्य आरंभ हुए जिसमें से बहुत सी सड़कें आमला विधानसभा के बगल से भी निकली लेकिन कमलनाथ के निर्देश पर इन सड़कों का नक्शा ऐसा तैयार कराया गया कि गलती से भी इनमें से एक भी सड़क आमला विधानसभा की सीमा तक को स्पर्श ना होने पाए। किसी मुख्यमंत्री से ऐसी उम्मीद नहीं की जा सकती। इसलिए उन्होंने जिस क्षेत्र के साथ भेदभाव किया है उस क्षेत्र की जनता के समक्ष आने का तो उन्हें अधिकार ही नहीं है।
गलतफहमी का शिकार है कमलनाथ
डॉ योगेश पंडाग्रे ने कहा कि पिछले बार जनता कमलनाथ और कांग्रेसियों के छल कपट का शिकार हो गई थी और बैतूल जिले में हम 4 सीटें हार गए थे । शायद इसलिए कमलनाथ बैतूल जिले को अपने हाथ में समझ रहे हैं यह उनकी बड़ी गलतफहमी है। इस बार जिले की जनता उन्हें जवाब देगी और कमलनाथ का दिवास्वप्न टूटेगा। कमलनाथ के आमला में प्रस्तावित कार्यक्रम को लेकर कांग्रेसी कार्यकर्ता उन्हें भावी मुख्यमंत्री बताते हुए पोस्टर लगा रहे हैं। यह हास्यास्पद है। कमलनाथ और कांग्रेसियों का यह भ्रम तोड़ने के लिए जनता इस बार कमरकस के तैयार है। मध्यप्रदेश की जनता का विश्वास और प्यार भाजपा और शिवराज सिंह चौहान के साथ है और वह इस बार कमलनाथ की परमानेंट वापसी करने के मूड में है।
आमला की जनता ने भाजपा का साथ दिया तो आज करोड़ों के विकास कार्य हो रहे हैं
आमला की जनता तो पहले भी कमलनाथ और कांग्रेसियों के छलावे में नहीं आई थी और भाजपा को जिताया था। सो आमला विधानसभा में करोड़ों के विकास कार्य पिछले 3 सालों में हुए हैं और बहुत से कार्य प्रगतिरत हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से आमला विधानसभा और बैतूल जिले के लिए हमने जो भी मांगा है उन्होंने खुले हाथों से दिया है। श्री पंडाग्रे ने आमला विधानसभा क्षेत्र में उनके द्वारा कराए गए विकास कार्य की जानकारी भी पत्रकारों के समक्ष रखी। उन्होंने कहा कि 20 सड़कें पिछले 3 सालों में मैंने आमला विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृत कराई है उनमें से अधिकांश पूर्ण हो चुकी है और कुछ निर्माणाधीन है। सारणी क्षेत्र में चार बैराज का कार्य पूर्णता की ओर है जबकि आमला क्षेत्र में लालावाडी, कोडरखापा और तिरमहु के बैराज स्वीकृत हैं और लालावाड़ी का निर्माण कार्य शुरू है। आमला क्षेत्र में सीएम राइस स्कूल का स्थान तय हो गया है और टेंडर लग रहा है,आमला में हमने अच्छा अस्पताल भी बना दिया है सारणी में टप्पा तहसील का कार्यालय आरंभ हो गया है, सूखाढाना में औद्योगिक क्षेत्र बनकर तैयार है। सारणी क्षेत्र में विद्युत उत्पादन इकाई स्थापित करने की योजना प्रक्रिया के अंतिम चरण में है और शीघ्र ही वहां कार्य आरंभ होगा, पाथाखेड़ा के विभिन्न भागों में विद्युत समस्या का निदान भी हमने किया है और कई जगह पर कार्य आरंभ है।
कमलनाथ ने गरीबो की योजनाएं बंद करने का पाप किया था
विधायक डॉक्टर पंडाग्रे ने आरोप लगाया कि अपने 15 महीने के मुख्यमंत्री के कार्यकाल में कमलनाथ में मध्यप्रदेश के हर वर्ग के साथ छल किया है। बड़े-बड़े वादे करके सत्ता में आए कमलनाथ मुख्यमंत्री बनते ही वादों से मुकर गए और साथ ही साथ पूर्व से चल रही कई जनकल्याणकारी योजनाओं को भी बंद कर दिया। कमलनाथ को जवाब देना चाहिए कि उन्होंने कन्यादान योजना में 51 हजार देने का वादा किया तो कितने लोगों को दिया ? बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया तो क्यों नहीं दिया ? किसानों से कर्जा माफ करने का वादा किया तो किया क्यों नहीं ? पूर्व से चल रही गरीबों की संबल योजना को क्यों बंद किया ? मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना को क्यों बंद किया ? कमलनाथ ने जनता का हक मारने वाले ऐसे अनेकों पाप किए हैं जिसका उन्हें जनता को जवाब देना ही चाहिए। हम तो जनता की तरफ से प्रश्न पूछ रहे है जिसका जवाब कमलनाथ को बैतूल जिले में आने से पहले ही देना चाहिए।
बैतूल जिले की जनता को छलने वाले से जवाब मांगना जरूरी – हेमंत खंडेलवाल
पत्रकार वार्ता को पूर्व सांसद हेमंत खंडेलवाल ने भी संबोधित किया उन्होंने कहा कि किसी भी मुख्यमंत्री का फर्ज होता है कि प्रदेश के हर विधानसभा क्षेत्र को एक नजर से देखें लेकिन कमलनाथ ने मुख्यमंत्री रहते ऐसा नहीं किया। कमलनाथ ने बैतूल जिले की जनता के साथ सदैव अन्याय किया है। इसलिए कमलनाथ से जवाब मांगना जरूरी है। हमारा उद्देश है कि बैतूल की जनता को फिर कभी कोई ना छलने पाए। श्री खंडेलवाल ने कहा कि कमलनाथ कर्जा माफी का वादा करके सत्ता में आए थे लेकिन कर्ज माफ करने के बजाए सोसायटियों में जमा किसानों के अंशदान की पूंजी हड़पकर कर्जा माफी का ढोंग करने का प्रयास किया। कमलनाथ की घोषणा के कारण किसान पहले से अधिक कर्जे में पड़ गया था। कमलनाथ की सरकार में संबल, तीर्थदर्शन और कन्यादान जैसी योजनाएं बंद कर दी गई । कमलनाथ सरकार द्वारा अंशदान ना जमा करने के कारण किसानों के फसल बीमा अटक गए थे। उनके द्वारा अंशदान जमा ना करने के कारण पूरे प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास के काम भी रुक गए थे। खंडेलवाल ने कमलनाथ पर बैतूल जिले से भेदभाव करने का आरोप लगाया उन्होंने कहा कि छिंदवाड़ा के विकास से हमें कोई आपत्ति नहीं है लेकिन इसके लिए बैतूल जिले से अन्याय हो यह उचित नहीं है। शिवराज सरकार द्वारा पूर्व से स्वीकृत गढ़ा डैम को लेकर भी कांग्रेस के बड़े नेताओं ने वादे किए थे कि किसानो को 4 गुना मुआवजा देंगे नहीं तो डैम नही बनने देगें। लेकिन इसके उलट कांग्रेसी सरकार बनते से ही मुआवजे के लिए धारा 4 और 5 की कार्यवाही निरस्त हो गई, और किसानों को जिस समय तक एक रुपया भी नहीं मिला था तब बिना काम किए ही ठेकेदार को ₹40 करोड़ कांग्रेसी सरकार द्वारा ट्रांसफर कर दिए गए। सो अब कमलनाथ को जवाब देना ही चाहिए कि आपने मुख्यमंत्री रहते बैतूल की जनता के साथ न्याय क्यों नहीं किया।