संस्कार भारती भोपाल महानगर की साहित्य संगोष्ठी का समारोह। 

RAKESH SONI

संस्कार भारती भोपाल महानगर की साहित्य संगोष्ठी का समारोह। 

  संस्कार भारती की स्मारिका का विमोचन करते हुए।

सारनी। संस्कार भारती मध्य भारत प्रांत के उपाध्यक्ष अंबादास सूने ने बताया कि साहित्य संगोष्ठी की अखंड,अनवरत साहित्यिक यात्रा के 100 भाग 11 जून 2023 को ऑनलाइन पूर्ण हुए। ऑनलाइन पहला संस्करण 19 जून 2021 को आभासी पटल पर प्रस्तुत किया गया। संस्कार भारती भोपाल महानगर की अध्यक्ष अरूणा शर्मा ने बताया कि कोरोना काल 2020 के कारण प्रत्यक्ष रूप से कार्यकर्ताओं का मिलना संभव नहीं था ,

डॉक्टर धर्मेंद्र सरल संबोधित करते हुए।

ऐसी स्थिति में संस्कार भारती भोपाल महानगर की टीम ने विचार कर यह कार्यक्रम आयोजित कर वरिष्ठ साहित्यकारों के मार्गदर्शन में युवा साहित्यकारों में वाचन के प्रति रुचि जागृत करने एवं लेखन कौशल,वक्तृत्व कौशल विकसित करने हेतु एक मंच प्रदान करने का प्रयास किया। भोपाल महानगर की टीम इसमें सफल भी रही है। साहित्य संगोष्ठी की संयोजक डॉ. कुमकुम गुप्ता ने बताया कि साहित्य संगोष्ठी की यात्रा के 100 भाग पूर्ण हो गए। जिस उद्देश्य को लेकर साहित्य संगोष्ठी का आयोजन किया गया, उसके कारण नये युवा वर्ग के लोग साहित्य से जुड़े हैं।

 

इस कार्यक्रम में संस्कार भारती का ध्येय गीत, पुस्तक वाचन, सम सामायिक विषय पर चर्चा,लेखन कार्य,वक्तृत्व कौशल,मंच संचालन ऐसे अनेक विषयों पर इन 100 भागों में ऑनलाइन बातचीत होती रही। 101 वां भाग समाज सेवा न्यास भोपाल में 18 जून रविवार को प्रातः 10 बजे आयोजित किया गया। प्रति रविवार आभासी पटल पर आयोजित साहित्य संगोष्ठी में भारत के कई प्रान्तों के वरिष्ठ साहित्यकारों द्वारा महत्वपूर्ण विषयों पर मार्गदर्शन भी प्राप्त हुआ।इनमें महाराष्ट्र से वरिष्ठ साहित्यकार महेंद्र ठाकुर दास, डॉ. कन्नूलाल वीटोरे,राजस्थान से राव शिवराज पाल सिंह,दिल्ली से सोमदत्त जी,भोपाल से डॉ. सुधीर शर्मा ,बी एल अच्छा जी,श्री राम वल्लभाचार्य ,डॉ. आनंद पाटिल तेलंगाना के नाम विशेष उल्लेखनीय हैं।साहित्य संगोष्ठी की यह यात्रा कई प्रान्तों से होती हुई वेद,पुराणों का रसास्वादन करती हुई,कई संग्रामों को अपने आँखों से देखती हुई ,विद्वानों की वर्षों की तपस्या से अर्जित ज्ञान,चिंतन को अपने मस्तिष्क में संजोकर रखने का प्रयास करती हुई नर्मदा की निर्मल धारा सी आगे बढती अपनी यात्रा में अनेक परम्पराओं , संस्कृति और प्रगैतिहासिक भग्नावशेषों को समेटती हुई धीरे-धीरे अपना शतक पूर्ण किया। आज के दिन का विशेष महत्व है 18 जून को झांसी की रानी लक्ष्मी बाई का बलिदान दिवस भी है। 18 जून 23 को 101 वें संस्करण का समारोह डॉक्टर धर्मेंद्र सरल के मुख्य आतिथ्य में और डॉक्टर सुरेंद्र बिहारी गोस्वामी विशिष्ट आतिथ्य में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर डॉ. अरविंद श्रीवास्तव का विशेष सान्निध्य मिला। इस समारोह की अध्यक्षता राजेन्द्र शर्मा प्रधान संपादक स्वदेश भोपाल ने की। उल्लेखनीय है कि 19 जून 2021 के पहले आभासी कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में राजेन्द्र शर्मा जी का ही मार्गदर्शन मिला था। इस दो वर्ष की यात्रा में अनेक महत्वपूर्ण साहित्यकार, लेखक,कवि,नाट्यकारों का सहयोग प्राप्त हुआ। इस प्रकार अनेक सत्रों में साहित्य संगोष्ठी से समाज को क्या मिला। राष्ट्र भाव का जागरण एवं वर्तमान चुनौतीयों से किस प्रकार समाज संगठित रहे। इस अवसर पर संस्कार भारती मध्य भारत भारत प्रांत के अध्यक्ष राजीव वर्मा , अंबादास सूने उपाध्यक्ष, अनीता करकरे रंगोली विधा प्रमुख ग्वालियर, सुनीती बैस, राजेन्द्र प्रसाद तिवारी हरदा, बोधमिता, दुर्गा मिश्रा, आनंद नंदेश्वर , गोविंद विश्वकर्मा और भोपाल महानगर के अनेक सदस्य उपस्थित हुए।

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