भगवान बिरसा मुंडा जी का शहीद दिवस मनाया।
सारणी। पावर इंजिनियर्स एंड एंप्लाइज एसोसिएशन के क्षेत्रीय कार्यालय में भगवान बिरसा मुंडा जी का शहीद दिवस मनाया गया कार्यक्रम की शुरुआत भगवान बिरसा मुंडा जी के छायाचित्र की पूजा अर्चन दीप प्रज्वलित कर की गई सभी लोगों ने पूजन कर पुष्प अर्पित किए संघ की प्रदेश प्रचार सचिव सुनील सरियाम जी ने उनके वीरता की की गाथा सुनाएं बिरसा मुण्डा का जन्म 15 नवम्बर 1875 के दशक में छोटा किसान के गरीब परिवार में हुआ था। मुण्डा एक जनजातीय समूह था जो छोटा नागपुर पठार (झारखण्ड) निवासी था बिरसा जी बचपन से ही साहसी बालक थे उनकी प्राथमिक शिक्षा मिशनरी स्कूलों से हुई उसके बाद उन्होंने मिशनरी स्कूल को छोड़कर मिशनरियों के खिलाफ ही एक आंदोलन खड़ा किया अंग्रेजों से लोहा लेने के लिए मुंडा जी ने अपनी एक गोरिल्ला सेना बनाई बिरसा जी को 1900 में आदिवासी लोंगो को संगठित करते देख ब्रिटिश सरकार ने आरोप लगाते देख गिरफ्तार कर लिया गया तथा उन्हें 2 साल का दण्ड दिया क्रांतिकारी बिरसा का अंग्रेजों के खिलाफ नारा था – “रानी का शासन खत्म करो और हमारा साम्राज्य स्थापित करो। बिरसा मुंडा की मृत्यु 9 जून 1900 को रांची जेल में केवल 25 वर्ष की आयु में हुई थी। अधिकारियों ने दावा किया कि उनकी मृत्यु हैजे से हुई थी, हालांकि सभी को संदेह था “अबुआ दिशोम रे अबुआ राज” अर्थात्- ‘हमारे देश में हमारा शासन’ का नारा देने वाले, जल-जंगल-जमीन तथा आदिवासी अधिकारों की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले भगवान बिरसा मुंडा जी की पुण्यतिथि पर भावभीनी श्रद्धांजलि व आपकी महान शहादत को शत-शत नमन!इस
अवसर पर भारतीय मजदूर संघ बैतुल के जिला सह मंत्री राकेश नामदेव, मध्यप्रदेश उत्पादन कर्मचारी संघ के प्रदेश कार्यकारी सदस्य प्रफुल्ल महोबे भोजराज परमार ,कमलेश यादव ,हरि सिंह राजपूत ,मनोज कुमार ,रामभरोस वर्मा ,जावेद खान ,महेंद्रसिंह पचोरी ,ज्ञानदेव मनोहर ,प्रवीण और अन्य सदस्य उपस्थित थे।