खापा खतेड़ा में सावित्रीबाई फुले की जयंती मनाई। 

RAKESH SONI

खापा खतेड़ा में सावित्रीबाई फुले की जयंती मनाई। 

आमला। सामाजिक विकास समिति खापा खतेड़ा के अवतरण दिवस पर संयुक्तस रूप से मनायी नारी उत्थान एवं नारी सम्मान की प्रतीक राष्ट्रमाता सावित्रीबाई फुले की जयंती सामाजिक विकास समिति खापा खतेडा के संवैधानिक अवत‍रण दिवस 6 जनवरी के अवसर पर सयुक्त रूप से सामाजिक उत्थान एवं नारी सम्मान की प्रतीक प्रथम महिला शिक्षिका राष्ट्रमाता सावित्रीबाई की जयंती ग्राम खापा खतेड़ा में सामाजिक विकास समिति द्वारा उनके समाज के लिए किए गए उत्कृष्ट कार्य एवं संघर्षों को याद कर धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष श्री शिवदास खातरकर द्वारा राष्ट्रमाता सावित्रीबाई फुले के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि खास तौर पर भारतीय समाज में महिलाओ की स्थिति समाज में बेहद खराब थी समाज में विधवाओं का जीवन बेहद मुश्किल भरा था । दलितों और पिछडों का शोषण होता था, ऐसे माहौल में एक पिछडे परिवार में जन्मीं सावित्रीबाई फुले ने सिर्फ समाज में लडकर ही नही खुद शिक्षा हासिल की बल्कि अन्यत लडकिंयों को भी पढाकर शिक्षित बनाया । बड़े विरोधो के बावजूद भी महिलाओं को शिक्षा के माध्यम से जागरूक कर समाज में अलख जगाने का काम किया। समिति के कार्यवाहक अध्यक्ष जगदीश खातरकर द्वारा अपने संबोधन में कहा कि सावित्री बाई फुले ने अपना पूरा जीवन समाज उत्थान में लगा दिया, समिति के गंगा प्रसाद खातरकर ने अपने संबोधन में कहा कि हम अंग्रेजी गुलामी के पूर्व अपनो के गुलाम थे उस समय राष्ट्र माता फुले ने हमें शिक्षा की अलख जगा कर सामाजिक गुलामी से मुक्ति दिलाई, उन्होंने सावित्री बाई फुले को भारत रत्न की उपाधि दिलाए जाने की पुरजोर वकालत की समिति के छ्त्रपाल खातरकर द्वारा अपने संबोधन में कहा कि समाज में फैली सामाजिक कुरितिया अंधविश्वाास, और पांखड छोड़ कर शिक्षा पर जोर दिए जाने की बात कही, कार्यक्रम को समिति के बुद्धम खातरकर, खुनीचंद खातरकर जग्गा खातरकर (पूर्व जनपद सदस्य ) , रामाधार खातरकर हरिश्चंद्र खातरकर, ने भी संबोधित किया । इस अवसर पर सीताराम खातरकर, पुनाजी खातरकर, गुलाबराव खातरकर, अंधुजी खातरकर, काशीनाथ खातरकर, मिश्रीलाल सातनकर, रवि झरबड़े, रवि नागले, भूपेंद्र खातरकर, महेंद्र खातरकर, दयवंती खातरकर जनपद सदस्य, द्वारका कातुलकर, निर्मला पाटील, उमा खातरकर सहित बडी संख्या में लोग विशेष रूप से उपस्थित रहे।

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