अखण्डजाप और यज्ञ कर मनाया गुरूपुर्णिमा पर्व।
सारणी। गायत्री प्रज्ञापीठ आमला में एक दिन पूर्व से प्रारम्भ किया गया अखण्ड जाप 24 घंटे पश्चात गुरूपूर्णिमा की प्रात: 06:00 बजें पूर्ण कर पंच कुण्डीय गायत्री महायज्ञ में सैकड़ों परिजनों ने आहुतियां समर्पित कर गुरूपर्व मनाया। लगभग 264 से भी ज्यादा परिजनों द्वारा 1-1 घंटें की पाली में 11-11 की संख्या में अखण्ड जप में बैठकर लगभग सवा लाख के दो अनुष्ठान के बराबर गायत्री मंत्र का जाप किया है प्रात: 08 बजें से ही संगीतमय वातावरण में गुरूपूर्णिमां यज्ञीय कर्मकाण्ड प्रारम्भ हुआ बी पी धामोड़े ने बताया कि गुरूपुर्णिमा पर्व पर ही भगवान बृम्हा जी ने गायत्री का तप पूर्ण कर प्राप्त ज्ञान को चार भागों में विभक्त कर दिया था और ज्ञान की ये चारों शाखाएं चार वेद कहलाई ।
गायत्री परिवार ट्रस्ट आमला के मुख्य ट्रस्टी वैध ठाकुरदास पंवार ने बताया की वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पंडित आचार्य श्रीराम शर्मा जी द्वारा गायत्री मंत्र को जन-जन के लिए सुलभ बनाया और महिलाओं को भी गायत्री मंत्र जप का अधिकार दिलाकर समाज में फैली भ्रांतियों को मिटाया ।
वहीं एस पी डढोरें ने सम्पूर्ण विकासखण्ड में गायत्री परिवार द्वारा चलाई जा रही गतिविधीयों पर चर्चा कर आगामी हरियाली अमावस्या पर गायत्री परिवार द्वारा चलायें जा रहें वृक्षगंगा अभियान हेतु वृक्षारोपण हेतु सम्पूर्ण विकासखण्ड में 1100 पौधों को रोपणें हेतु कार्ययोजना बनाई।
गुरूपुर्णिमा के अवसर पर बालक चिराग राठौर पिता शैलेन्द्र राठौर और बालिका नित्या नरवरे पिता अमित नरवरे का विद्यारम्भ संस्कार एवं भारती चौरे ने गुरूदिक्षा संस्कार करवाया।
यज्ञ के पश्चात महाप्रसादी की व्यवस्था भरत धोटे सोनू साबले सुनिल गव्हाड़े ऋषभ पंवार व महिला मंडल द्वारा की गई।